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साझे निवेश का मार्ग प्रशस्त
इस सहमति ज्ञापन के बाद अप्लाइड अनुसंधान के लिए चिह्नित रेल परियोजनाओं के साझे निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। इस परियोजना में रेल मंत्रालय 30 प्रतिशत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय 25 प्रतिशत तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग 25 प्रतिशत निवेश करेगा। शेष राशि उद्योग खर्च करेंगे।
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क्या है टेक्नोलॉजी मिशन
रेल मंत्रालय ने अप्लाइड अनुसंधान के लिए चिह्नित रेल परियोजनाओं के साझे निवेश के लिए रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साझे प्रयास के रूप में टेक्नोलॉजी मिशन बनाया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय दोनों टीएमआईआर परियोजना में 75-75 करोड़ रुपए निवेश करेंगे, जबकि भारतीय रेल और उद्योग अपना-अपना हिस्सा देंगे।
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आईआईटी के प्रोफेसर होंगे अध्यक्ष
रेलवे, आरडीएसओ, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली मिशन क्रियान्वयन तथा समन्वय समिति के अध्यक्ष मिशन अध्यक्ष आईआईटी कानपुर के प्रो. एन.एस व्यास होंगे। मिशन के सह अध्यक्ष उत्तरी रेलवे के मुख्य प्रशासनिक निर्माण अधिकारी आलोक कुमार होंगे।
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वन आईसीटी के बाद बड़ी पहल
टेक्नोलॉजी मिशन (टीएमआईआर) से पहले वन इनफोरमेशन एण्ड कम्न्युनिकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म (वन आईसीटी) परियोजना शुरू की जा चुकी है। यात्रियों और रेलकर्मियों को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए रेल मंत्रालय की ओर से वन आईसीटी) परियोजना शुरू की है। इससे रेलवे के लिए एकल डिजिटल मंच के लक्ष्य को हासिल करने की राह प्रशस्त हुई।