दरअसल, पुलिस और प्रशासन को सोमवार देर शाम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि रानपुर थाना क्षेत्र के बावड़ीखेड़ा व कोलाना में अवैध खनन हो रहा है। इस पर वन विभाग और पुलिस की टीम की देर रात मौके पर पहुंची। वहां अवैध खनन हो रहा था। कार्रवाई की सूचना मिलते ही गुंजल अपने भतीजे लोकेश गुंजल के साथ मौके पर पहुंचा। टीम को धमकाते हुए कहा कि यह क्रेशर मेरा है, तुम ठीक नहीं कर रहे है। इस पर पुलिस, वन, खनिज और यूआईटी कोटा ने मंगलवार को रानपुर इलाके में सरकारी जमीन पर चल रहे अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। वन विभाग ने गुंजल के क्रेशर के लिए सरकारी जमीन से निकाला गया 955 टन पत्थर, एक एएनटी मशीन तथा एक डम्पर जब्त किया।
रानपुरा थानाधिकारी भंवर सिंह ने बताया कि 20 मई को रात 10.30 बजे वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली। इस आधार पर वन विभाग लाडपुरा रेंज और रानपुर थाना पुलिस जाप्ता, पुलिस उप अधीक्षक मनीष के निर्देश पर बावड़ीखेड़ा मौके पर पहुंचा। मौके पर एलएनटी मशीन से डम्पर में पत्थर भरे जा रहे थे। अचानक सरकारी वाहनों को देखकर अवैध खननकर्ताओं मेंं हड़कम्प मच गया और वे मशीनों को बंद कर भाग निकले। पुलिस ने पीछा किया, लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर वह भाग निकले। इस पर एनएलटी मशीन और डम्पर जब्त किया। रेकॉर्ड में भूमि बावड़ीखेड़ा वन क्षेत्र की निकली।
…इसलिए फिर करनी पड़ी कार्रवाई
कार्रवाई के दौरान पूर्व विधायक गुंजल और चार-पांच व्यक्ति पर मौके पर आए और कहा कि यह भूमि वन विभाग की न होकर यूआईटी की है। इस पर मंगलवार सुबह यूआईटी, खनिज विभाग, वन विभाग पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और संयुक्त सर्वे की कार्रवाई की। मौके पर अलग-अलग 103 ढेरों में मैसेनरी स्टोन खनिज पाया गया। जिसकी मौके पर नपाई कर खनिज की गणना की गई। गणना के अनुसार, मौके पर 955 टन पत्थर पाया गया। गुंजल ने विभाग की मौका रिपोर्ट के पंच नामे पर हस्ताक्षर नहीं किए।
गुजंल बोले-बदले की भावना से हुई कार्यवाही
कार्यवाही के तुरंत बाद प्रहलाद गुंजल ने प्रेस वार्ता की और बीजेपी सरकार पर बदले की भावना से कार्यवाही का आरोप लगाया है। इस मामले प्रहलाद गुंजल ने कहा कि यह सब बीजेपी बौखलाहट में करवा रही है। ओम बिरला के इशारे पर प्रशासन काम कर रहा है। गुंजल ने दावा किया कि क्रेशर प्रोपर कागज और अनुमति से संचालित किया जा रहा था। लेकिन सिर्फ परेशान करने के लिए यह कार्यवाही की गई है।