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खौफनाक यातनाएं: पाकिस्तान की जेल में कैद 54 भारतीय खो चुके अपनी याददाशत, पढि़ए जुगराज पर हुए सितम

पाकिस्तानी जेल में मिली खौफनाक यातनाओं ने जुगराज के होशो हवाश तक छीन लिए हैं। पूछताछ के नाम पर उसे इस कदर टॉर्चर किया गया कि उसकी पूरी तरह से याददास्त तक चली गई।

कोटाMay 03, 2019 / 12:19 am

​Zuber Khan

खौफनाक यातनाएं: पाकिस्तान की जेल में कैद 54 भारतीय खो चुके अपनी याददाशत, पढि़ए जुगराज पर हुए सितम

– जुगराज से कुछ भी पूछने पर बस देखता रहता है एक टक
कोटा. पाकिस्तानी जेल ( Pakistan jail ) में मिली खौफनाक यातनाओं ( Brutal torture ) ने जुगराज ( Jugraj ) के होशो हवाश तक छीन लिए हैं। पूछताछ के नाम पर उसे इस कदर टॉर्चर किया गया कि उसकी पूरी तरह से याददास्त ( memory loss ) तक चली गई। आवाज देने पर चौंक उठता है। बात करने की लाख कोशिशें करो तो भी बस जवाब देने के बजाय टकटकी लगाए चेहरे की ओर ही देखता रहता है। जुगराज अकेला नहीं है जो लांधी जेल ( Landhi Jail in Pakistan ) की यातनाओं के बाद मानसिक संतुलन खो बैठा। इस जेल में होश गंवा बैठे 54 हिंदुस्तानी ( Indian prisoners ) अब भी कैद हैं।
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लांधी जेल में 54 भारतीयों ने भुगती बर्बर यातनाएं
पाकिस्तानी जेलों से रिहा हुए सभी लोगों को अमृतसर स्थित रेडक्रास भवन में रखा गया है। उसके साथ आए मछुआरों ने बताया कि जेल की एक बैरक में बबली के साथ कई भारतीय बंद है। जिन्हें मिली यातनाओं के बाद उनका मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ चुका है। ढ़ाई साल तक इस जेल में कैद रहे वाहिद खान बताते हैं कि 54 भारतीय कैदी ऐसे हैं जो बर्बर यातनाओं के चलते अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। बबली उर्फ जुगराज की तो हालत इतनी बद्तर है कि कुछ भी पूछने पर वह सन्नाटे में चला जाता है और बस एकटक चेहरे की ओर ही देखता रहता है। वाहिद चिंता जाहिर करते हैं कि जिस हाल में जुगराज पाकिस्तान से वापस लौटा है उसे ठीक होने में कहीं सालों न गुजर जाएं।
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शनिवार को ली खुली सांस
पुलवामा हमले के बाद दोनों मुल्कों के बीच आई तल्खी को कम करने के लिए पाकिस्तान ने कराची की लांधी जेल में कैद 350 मछुआरों समेत भारतीय नागरिक साबित हो चुके 5 सिविलियंस को 28 अप्रेल तक रिहा करने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के तहत गुजरात के 55 मछुआरों के साथ बूंदी के जुगराज समेत बागपत (उत्तर प्रदेश) वाहिद खान, हुगली (पश्चिम बंगाल)के मुशर्रफ अली, कोलकाता के कौसर और राजकोट (गुजरात) के सुहेल खान की शनिवार शाम जेल से रिहाई हुई। अमृतसर स्थित फॉर्नर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) के अधिकारियों ने बताया कि किसी भी नागरिक के पास पासपोर्ट न होने के कारण पहले सभी का इस्लामाबाद स्थिति इंडियन हाईकमीशन से ट्रेवल डॉक्यूमेंट और फिर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन से प्रत्यापर्ण पत्र जारी किया गया। शनिवार शाम जेल से रिहा हुए सभी लोग सोमवार सुबह पहले लाहौर और फिर बाघा बार्डर पहुंचे। जहां से उन्हें अटारी बार्डर पर बीएसएफ को सुपुर्द कर दिया गया।

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