घर से निकले थे कोर्ट मैरिज करने रास्ते में ही चुन्नी और स्कार्फ का फंदा बनाकर लगा ली फांसी
कोटा की बेटी ने दुत्कारे दहेज लोभी जब दुल्हन राशि को इस बात का पता लगा तो उसने इसका विरोध कर दिया। देखते ही देखते पूरे परिवार राशि के फैसले के साथ खड़ा हो गया। हालांकि कुछ लोगों ने बात संभालने की कोशिश की और वर पक्ष के लोगों को समझाया कि यह सही तरीका नहीं है। लेकिन, जब वर पक्ष की तरफ से कोई सकारात्मक बात नहीं हुई तो दुल्हन ने ऐसे घर की बहू बनने से इनकार कर दिया। बेटी के साहसिक फैसले के साथ पूरा परिवार ही नहीं शहर भी खड़ा हो गया। इसके बाद प्रोफेसर पिता ने मंच से बारात लौटाने की घोषणा कर दी।
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आवभगत के बाद सुनाया फैसला दुल्हन का परिवार यह फैसला शाम को ले चुका था, लेकिन रात 10 बजे तक किसी को नहीं बताया। मेहमानों ने खाना खाया उसके बाद दुल्हन के पिता ने सभी को धन्यवाद दिया और अपने मन की बात कही। मेहमानों ने सामाजिक बदलाव की इस पहल को शहर के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण बताया।
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हर किसी ने की इस साहसिक फैसले की सराहना प्रोफेसर अनिल सक्सेना ने शहर के नामी डॉक्टरों, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और राजनेताओं को इस शादी में बुलाया था। जैसे ही सक्सेना ने यह घोषणा की तो वहां मौजूद सभी डॉक्टर्स शहर के प्रतिष्ठित लोगों उनके इस कदम की सराहना की। सभी एक स्वर में बोले- आपके इस फैसले में पूरा कोटा आपके साथ है।
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बौखलाया वर पक्ष, करने लगे अभद्रता माता-पिता ने बेटी के फैसले की सराहना करते हुए सजे-धजे पांडाल से दूल्हे समेत पूरी बारात को लौटा दिया। लेकिन, दुल्हन डॉ. राशि के फैसले की खबर सुनते ही वर पक्ष बौखला गया और दुल्हन पक्ष से अभद्रता और मारपीट करने पर उतारू हो गया। बावजूद इसके प्रोफेसर परिवार ने सहनशीलता दिखाई और उनकी आवभगत में कोई कमी नहीं छोड़ी। प्रो. अनिल सक्सेना ने वर पक्ष को राजीव गांधी नगर के एक होटल में ठहरा था,जहां से जाने के लिए भी नहीं कहा। इतना ही नहीं उन्होंने पुलिस में भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।