हंगामेदार रही संगठन बैठक भारतीय जनता पार्टी के संगठन प्रभारी और सरकार के उपमुख्य सचेतक मदन राठौर की मौजूदगी में रविवार को हुई कोटा भाजपा देहात जिले की बैठक खासी हंगामेदार रही। पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर सवाल खड़े किए। अफसरों से लेकर सरकार के मंत्री तक उनके निशाने पर रहे। हाल ये था कि भामाशाह मंडी स्थित एसोसिएशन हॉल में हुई इस बैठक में रामगंज मंडी विधायक चंद्रकांता मेघवाल को छोड़कर कोटा देहात का एक भी विधायक नहीं पहुंचा।
निरंकुश हो गई है पुलिस बैठक शुरू होते ही मेघवाल ने उड़िया बस्ती में पुलिस प्रताड़ना के बारे में बताना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि नाबालिग से गैंगरेप और उसके बाद हत्या जिन लोगों का नाम सामने आया उड़िया बस्ती के लोगों ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग क्या की, बौखलाई पुलिस ने आधी रात में महिलाओं और बच्चों तक को घर से निकाल कर पीटा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब इस कार्रवाई का विरोध किया तो उल्टा उन्हें ही शांतिभंग में बंद कर दिया गया। आखिर इन हालात में कौन पार्टी के साथ जुड़ेगा और अगले चुनावों में किस मुंह से लोगों से वोट मांगने जाएगा? चंद्रकांता मेघवाल के इस सवाल के बाद बैठक में सन्नाटा पसर गया।
रोने लगीं विधायक रामगंजमंडी विधायक सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए भरी बैठक में रो पड़ीं। उन्होंने राठौर को उड़िया बस्ती में पुलिस प्रताड़ना के फोटो और वीडियो भी दिखाए। साथ ही कोटा की दूसरी घटनाओं के बारे में भी बताया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को ही अफसरों ने निशाने पर ले लिया था। इसके बाद तो बैठक में काफी देर तक हंगामा होता रहा। हाल ये हो गया कि संगठन प्रभारी कार्यर्ताओं को जो सबक सिखाने आए थे सब भूल गए। इसके बाद वह सिर्फ इतना ही कह सके कि
जयपुर में होने वाली पार्टी संगठऩ की बैठक में इन सभी बातों को रखेंगे।
कार्यकर्ताओं ने घेरा कोटा देहात जिला कार्यकारिणी की बैठक जब हंगामे की भेंट चढ़ती दिखाई दी तो संगठऩ प्रभारी मदन राठौर ने वहां से चले जाना ही उचित समझा, लेकिन जिले भर से आए कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिजली कटौती, बेलगाम दौड़ते स्मार्ट मीटर, सड़कों के गड्ढे और फसलों का समर्थन मूल्य न मिलने से लेकर तमाम समस्याएं गिना डाली। कार्यकर्ता इतने गुस्से में थे कि उन्होंने राठौर से री पूछ लिया कि इस हाल में आप कैसे वोट मांगने जाएंगे? कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारा तो क्षेत्र में निकला मुश्किल हो गया है। लोग घेर लेते हैं और कहते हैं कि तुम्हारी सरकार में जब तुम्हें ही नहीं कोई सुन रहा तो जनता की क्या सुनेगा।