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सामाजिक भावना का सम्मान हो पूर्व सांसद और कोटा पूर्व राजपरिवार के सदस्य इज्यराज सिंह ने कहा, पद्मावती फिल्म को लेकर राजपूत समाज की भावनाओं का सम्मान किया जाए। फिल्म में ऐसे दृश्य दिखाए गए हैं कि समाज की भावनाएं आहत हैं। आपत्तिजनक दृश्य तत्काल हटाए जाएं, अन्यथा फिल्म रिलीज न हो। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, फि ल्म डॉयरेक्टर हो या कोई संस्था, इतिहास से छेड़छाड़ गैरकानूनी और अनैतिक कृत्य है। हर दिन फिल्म को लेकर कानून-व्यवस्था बिगड़ रही, फि र क्यों सरकार चुप है।
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विकृत मानसिकता स्वीकार नहीं : भाजपा शहर भाजपा जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय ने बयान जारी करके कहा, महारानी पद्मिनी की गारिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला चित्रण धोखा देने वाला है। पद्मिनी हिन्दू संस्कृति के स्वाभिमान का प्रतीक हैं। देश पर हमलावर रहे चरित्रों का महिमामण्डन करना अपने आप में विकृत मानसिकता है। जिसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। भाजपा जिला महामंत्री अरविन्द सिसौदिया ने कहा, यह भारतीय जीवन मूल्यों को पददलित करने का षड्यंत्र है।
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जनभावना के विरुद्ध क्षत्रिय किराड़ महासभा ने भी फिल्म में आपत्तिजनक दृश्य होने की बात कहते हुए रोक की मांग की है। क्षत्रिय किराड़ नगर इकाई के अध्यक्ष ओमप्रकाश मेहता ने कहा कि यदि जनभावना के विरुद्ध जाकर फिल्म को रिलीज किया जाता है तो सम्पूर्ण क्षत्रिय समाज को सड़क पर आन्दोलन के लिए उतरना पड़ सकता है। यह फि ल्म भारतीय संस्कृति व हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।
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जमानत अर्जी हुई खारिज कोटा. गुमानपुरा थाना क्षेत्र स्थित सिनेमा हॉल में तोडफ़ोड़ करने और मैनेजर व सुरक्षा गार्ड से मारपीट करने के मामले में जेल में बंद सभी छह जनों हेमंत सिंह, कुणाल जांगिड़, दिग्विजय सिंह , वेद प्रकाश, विजय पाल सिंह व प्रदीप सैनी की जमानत अर्जी अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी। सभी छह जनों की ओर से जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील पेश कर जमानत मांगी, कहा कि इन सभी को इस मामले में झूंठा फंसाया गया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।