कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पांच साल के लिए रजिस्टे्रशन मिल चुका है। इससे यहां जल्द किडनी ट्रांसप्लांट कर सकेंगे। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर सभी सुविधाएं अत्याधुनिक हैं। नर्सिंग स्टॉफ के साथ अन्य कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विकास खंडेलिया ने बताया कि प्रदेश में जयपुर व जोधपुर के बाद कोटा में यह सुविधा शुरू होगी। हाड़ौती में हर साल 500 से 700 किडनी फेलियर के मरीज आते है। इनमें से करीब 50 लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत पड़ती है। प्राइवेट अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट पर करीब 7 से 8 लाख का खर्चा आता है। सरकारी में यह नि:शुल्क रहेगी। अब आर्थोराइजेशन कमेटी बनेगी। जिसमें प्रशासनिक व मेडिकल कॉलेज के अधिकारी रहेंगे।
वर्ष 2017-18 में की थी घोषणा साल 2017-18 में मुख्यमंत्री बजट घोषणा में कोटा मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट विंग की घोषणा की थी। इसके लिए राज्य सरकार ने कुल 185.21 लाख की निर्माण व इलेक्ट्रीक कार्यों पर खर्च, 5 करोड़ 25 लाख उपकरण पर खर्च व 1 करोड़ 75 लाख का बजट प्रक्रियाधीन है। पहले बजरी व अन्य कारणों से इसका काम बंद हो गया था।
किडनी ट्रांसप्लांट में संक्रमण रहित जोन होगा किडनी ट्रांसप्लांट में संक्रमण रहित जोन रहेगा। इसकी विंग में मोड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। इसमें ट्रिन रखा गया है। इससे अंदर एक ही मरीज की किडनी दूसरे मरीज को लगाई जाएगी। आईसीयू में मरीज को एक से दो सप्ताह रखा जाएगा। अलग कॉरिडोर का निर्माण कार्य हुआ है। राजस्थान पत्रिका ने भी 7 जुलाई को ‘जल्द मिलेगी किडनी ट्रांसप्लांट विंग की सौगातÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।