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घूस का खेल : कार चलानी है तो ‘हमारी टंकी ‘ फुल रखो

-झालावाड़ में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने कार का बिल पास कराने की एवज में मांगी रिश्वत-जयपुर निवासी महिला के बैंक खाते में 10 हजार जमा करवाए, पर्ची दिखाते ही धरा गया-विभाग में लगी कार का बिल पास करवाने की एवज में मांगी थी 19 हजार की रिश्वत

कोटाJul 14, 2021 / 02:54 pm

Kanaram Mundiyar

कोटा.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की नजर से बचने के लिए भ्रष्ट अफसर एवं कर्मचारी घूस लेने के दौरान बचाव के कई तरीके आजमाते हैं, लेकिन ब्यूरो केे जाल से वे बच नहीं पाते। राजस्थान में पिछले दिनों रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए अफसरों व कर्मचारियों की ऐसी करतूतें सामने आई है। हाल ही झालावाड़ में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने पेट की टंकी भरने के लिए विभाग में किराए पर लगी कार का बिल पास करने की एवज में 19 हजार की रिश्वत मांग ली। परिवादी को घूस की रकम भी दूसरे के खाते में जमा कराने के लिए एक महिला के बैंक खाता नम्बर भी दिए। परिवादी ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी की परिचित महिला के बैंक खाते में घूस की राशि जमा करवा दी। बाद में परिवादी की ओर से रकम जमा की पर्ची देने के दौरान जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्यूरो के हाथों पकड़ा गया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी कोटा शहर की टीम ने मंगलवार को झालावाड़ के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्मप्रकाश आर्य को दस हजार रुपए की घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी ने विभाग में लगी कार का बिल पास करने की एवज में रिश्वत की मांग की थी। परिवादी को घूस की राशि जमा कराने के लिए जयपुर की एक परिचित महिला का बैंक खाता नम्बर दिया था। बैंक खाते में घूस की राशि जमा कर परिवादी ने आरोपी अधिकारी को जमा पर्ची देते ही एसीबी ने दबोच लिया।

एसीबी कोटा रेंज के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि फरियादी सवाईमाधोपुर के जड़ावत निवासी वीरसिंह मीणा ने परिवाद दिया था कि उसकी कार झालावाड़ में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी कार्यालय में एक साल से कॉन्टे्रक्ट पर लगा रखी है। जिसका करीब 28 हजार रुपए मासिक बिल बनता है। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी उसकी गाड़ी को लगाए रखने के लिए तीन माह से 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा था।

रिश्वत की मांग पूरी नहीं की तो गाड़ी हटा दी-

अल्पसंख्यक अधिकारी ने परिवादी को बैंक खाता नम्बर भेजकर हर माह रिश्वत की राशि जमा करने को कहा। परिवादी 4 जुलाई को आर्य से मिला और बताया कि गाड़ी में बचत नहीं है। हर माह रिश्वत नहीं दे सकता। आर्य ने नाराज होकर कार्यालय से उसकी गाड़ी को हटा दी। परिवादी गाड़ी लेकर चला गया।
बकाया बिल पास की ऐवज में 50 फीसदी हिस्सा मांगा-
परिवादी की गाड़ी का करीब 35-40 हजार रुपए का बिल बकाया चल रहा था। जिसको पास करने के लिए अल्पसंख्यक अधिकारी 19 हजार रुपए की रिश्वत मांगी तो उसने कोटा एसीबी में शिकायत दी। रिश्वत की मांग की पुष्टि होने पर एसीबी टीम ने मंगलवार को ट्रैप कार्रवाई की। परिवादी ने अल्पसंख्यक अधिकारी के बताए शकुन्तला के नाम बैंक खाते में 10 हजार रुपए जमा करवा दिए और जमा रकम की पर्ची आर्य को सौंप दी। बाद में परिवादी का इशारा पाकर एसीबी टीम ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को दबोच लिया है। उपाधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा ने बताया कि आरोपी अधिकारी जयपुर का रहने वाला है। जयपुर के विधाधर नगर स्थित आवास पर भी सर्च की कार्रवाई की जा रही है।

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