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JEn रिश्वत मामला: कमरे में लगा रिश्वतखोरी रोकने का पोस्टर, फिर भी नहीं पड़ा गरीब की मिन्नतों का असर

कोटा. ऑटो चालक ने मिन्नत की, गरीबी का हवाला दिया, लेकिन JEn फिर भी अड़ा रहा 5 हजार लेने पर।

कोटाJan 05, 2018 / 09:15 am

abhishek jain

रिश्वतखोर जेईएन का कमरा
कोटा .

न्यास के कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) विमल कुमार माहेश्वरी को ट्रेप करवाने वाले फरियादी राजेन्द्र राठौर ने बताया कि वह ऑटो चलाकर परिवार का गुजर-बसर करता है। जैसे-तैसे मकान पर लोन लेने के लिए आवेदन किया था। लोन स्वीकृत हो गया, लेकिन बैंक ने पहले न्यास से एनओसी लाने को कहा। इस पर एनओसी के लिए 11 दिसम्बर को एकल खिड़की पर आवेदन किया। 26 को एनओसी मिलनी थी। जब निर्धारित तिथि पर वहां गया तो पता चला कि अभी तक तो उसकी फाइल ही नहीं आई। इस पर जेईएन से सम्पर्क करने को कहा।
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वह इस बारे में अधिक नहीं समझता। इसलिए अपने मित्र विक्रमसिंह हाड़ा को बताया। उसने कहा कि वह उसके साथ चलकर काम करवा देगा। जब वे दोनों न्यास कार्यालय गए तो वहां जेईएन विमल से सम्पर्क करने को कहा।
सह फरियादी हाड़ा ने बताया कि माहेश्वरी ने काम करने की एवज में उनसे 7 हजार रुपए मांगे। जब उससे मिन्नत की। उसे बताया कि राजेन्द्र ऑटो चलाकर गुजारा चलाता है। गरीब आदमी इतने रुपए नहीं दे सकता, लेकिन फिर भी माहेश्वरी 5 हजार रुपए लेने पर अड़ा रहा।
इसलिए करनी पड़ी शिकायत
हाड़ा ने बताया कि हम रिश्वत देकर काम नहीं करवाना चाहते थे। उसने रकम लेकर गुरुवार को कार्यालय बुलाया था। इसलिए एसीबी में शिकायत करनी पड़ी।

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दीया तले अंधेरा…
न्यास कार्यालय में जहां रिश्वतखोरी रोकने का पोस्टर लगा है, वहीं रिश्वत का खेल चल रहा था। जेईएन विमल माहेश्वरी की सीट के पास ही दीवार पर लगे पोस्टर में बड़े-बड़े अक्षरों में साफ लिखा है कि ‘आप रोक सकते हैं रिश्वत खोरी। रिश्वत लेना व देना दोनों अपराध है’ यदि कोई राजकीय कर्मचारी या अधिकारी सरकारी काम के लिए रिश्वत मांगे तो उसकी शिकायत या सूचना तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दें। सूचना देने के लिए फोन नम्बर भी लिखे हुए हैं।
देखकर भी नहीं सुधरा
इस पोस्टर को जेईएन रोजाना आते-जाते देखता होगा, लेकिन उस पर इस संदेश का कोई असर नहीं हुआ। वह तो इसे दरकिनार कर खुलेआम सीट पर बैठकर रिश्वत ले रहा था।
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नोट दिखे तो फाइल आई बाहर
गुरुवार को जैसे ही जेईएन को 5 हजार रुपए दिए, वैसे ही उसने उनकी फाइल निकाल ली। वह फाइल पर उसके पकड़े जाने के समय मेज पर ही थी। हाड़ा ने बताया कि इस तरह से न जाने कितनी एनओसी हैं, जो फरियादी द्वारा रिश्वत नहीं देने से अटकी पड़ी हैं।
5 हजार दे दे, तेरा काम कर दूंगा

एसीबी एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि फाइल पर तहसीलदार की टिप्पणी के बाद जेईएन को मौका रिपोर्ट करनी थी, लेकिन जब भी फरियादी उसे मौका दिखाने के लिए फोन करता, वह उसे कार्यालय में नहीं होने या आज-कल आने की बात कहकर चक्कर कटवा रहा था। आखिरकार परेशान होकर फरियादी ने शिकायत की। सत्यापन में जेईएन द्वारा 5 हजार लेकर काम करने की बात स्वीकार की जा रही है।
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आज करेंगे अदालत में पेश
एसीबी निरीक्षक बागडोलिया ने बताया कि दिनभर कागजी कार्रवाई पूरी की गई। विमल माहेश्वरी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

पहले पटवारी पकड़ा जा चुका

न्यास में रिश्वत लेते पकड़े जाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पिछले वर्ष भी एक पटवारी 30 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा था। पिछले वर्ष 30 मई को पटवारी संजीव गोचर ने वरिष्ठ नागरिक विक्रम चौहान से पट्टों के नियमन की एवज में 50 हजार रुपए की मांग की थी, जिसे एसीबी की टीम ने एक रेस्टोरेंट में 30 हजार रुपए लेते पकड़ा था।
इस टीम ने की कार्रवाई
एसीबी निरीक्षक विवेक सोनी व अजीत बागडोलिया के नेतृत्व में दिलीप सिंह, खालिक मोहम्मद, सत्येन्द्र सिंह, भरत सिंह, नरेन्द्र सिंह, असलम खान, मनोज कुमार व देवेन्द्र सिंह की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

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