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एसीबी के निरीक्षक विवेक सोनी ने बताया कि हरिओम नगर निवासी राजेन्द्र राठौर व विवेकानंद नगर निवासी विक्रम सिंह हाड़ा ने 2 जनवरी को एसीबी चौकी में शिकायत दी थी। जिसमें कहा था कि राजेन्द्र ने हरिओम नगर स्थित अपने मकान पर लोन लिया था। जिसके लिए नगर विकास न्यास से एनओसी लेनी थी। एनओसी के लिए उसने न्यास की एकल खिड़की पर 11 दिसम्बर को आवेदन किया था। जिस पर उन्हें 26 को एनओसी जारी करने की तिथि अंकित कर रसीद दी थी।
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रिश्वत की राशि पेंट की जेब से बरामद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। जिसमें रिश्वत की मांग करना प्रमाणित होने पर गुरुवार को निरीक्षक अजीत बागडोलिया के साथ पूरी टीम ने मिलकर ट्रेप की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान वीर सावरकर निवासी विमल कुमार माहेश्वरी को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि उसकी पेंट की पीछे की जेब से बरामद की गई। माहेश्वरी तीन साल से यूआईटी में है। जिस समय एसीबी ने यह कार्रवाई की उस समय कार्यालय में न्यास के अधिकतर अधिकारी मौजूद थे। एसीबी की इस साल की कोटा संभाग में यह पहली कार्रवाई है।
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22 को तहसीलदार ने की रिपोर्ट
एसीबी निरीषक विवेक सोनी ने बताया कि मौके पर जब देखा तो फरियादी की फाइल पर तहसीलदार बद्रीलाल ने 22 दिसम्बर को रिपोट की है। इसके बाद से उस फाइल पर कुछ भी लिखा हुआ नहीं है। 11 से 26 के बीच में सिर्फ 22 तारीख को फाइफ पर रिपोर्ट अंकित है। जबकि 11 दिसम्बर को आवेदन के समय ही फरियादी को 26 दिसम्बर को एनओसी जारी करने की तिथि तय कर दी थी। इससे जेईएन की मंशा साफ जाहिर हो रही थी कि वह काम अटकाकर रकम वसूलना चाहता था।
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मचा हडकम्प, खाली हुई कई सीट
जैसे ही एसीबी की कार्रवाई हुई वैसे ही पूरे न्यास कार्यालय में हडकम्प मच गया। मौके पर कर्मचारियों व लोगों की भीड़ जमा हो गई। कई कर्मचारी तो अपनी सीट छोड़कर ही इधर-उधर चले गए।