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525 रुपए रिश्वत की सजा 4 साल कैद

कोटा . 13 साल पहले 525 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए पिड़ावा में तत्कालीन पटवारी को न्यायालय ने 4 साल कठोर कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया

कोटाSep 28, 2017 / 06:25 pm

Anil Sharma

Court, Kota, 4 Years

कोटा . 13 साल पहले 525 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए पिड़ावा में तत्कालीन पटवारी को न्यायालय ने 4 साल कठोर कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया


कोटा . करीब 13 साल पहले 525 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए झालावाड़ के पिड़ावा में तत्कालीन पटवारी को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने बुधवार को 4 साल कठोर कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
पिड़ावा स्थित खारपा निवासी तंवर सिंह ने 21 जुलाई 2004 को एसीबी झालावाड़ में शिकायत दी थी। इसमें कहा था कि उसे व गांव के अन्य लोगों को हालियों से भूमि आवंटन कमेटी द्वारा डेढ़-डेढ़ बीघा जमीन आवंटित हुई थी। उस जमीन के कागजात तैयार करने की एवज में पटवारी शिवचरण जाटव 5 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। बाद में वह 800 रुपए में राजी हुआ है। इस रिपोर्ट पर एसीबी ने मांग का सत्यापन कराया तो 700 रुपए रिश्वत मांग करना प्रमाणित पाया गया। इसमें से 175 रुपए वह पूर्व में प्राप्त कर चुका था। एसीबी ने 22 जुलाई को जब सत्यापन किया तो उस दिन 11.50 बजे गुरुवार का दिन था। कार्य दिवस के दौरान किए गए सत्यापन के समय पटवारी शिवचरण जाटव नशे में पाया गया था। मांग सत्यापन होने पर एसीबी झालावाड़ की टीम ने पटवारी को 22 जुलाई 2004 को 525 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद खान ने बताया कि रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने पर अदालत ने आरोपित पटवारी शिवचरण जाटव को 4 साल कठोर कैद व 15 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
खराब बाइक बदलें या कीमत अदा करें
कोटा. जिला उपभोक्ता मंच ने ऑटो मोबाइल शोरूम व कम्पनी को बुधवार को आदेश दिए कि वह उपभोक्ता को खराब बाइक बदल कर या उसकी कीमत निर्णय से एक माह में अदा करें। बूंदी रोड कमला उद्यान निवासी मनीष कुमार जेठानिया ने शास्त्री नगर दादाबाड़ी स्थित चम्बल मोटर्स प्रा. लिमिटेड के प्रबंधक व दिल्ली स्थित हीरो मोटो कोर्प लिमिटेड के खिलाफ 17 फरवरी 2014 को परिवाद पेश किया था। जिसमें कहा था कि उन्होंने 11 सितम्बर 2013 को 49525 रुपए में एक बाइक खरीदी थी। अगले दिन से ही उसमें परेशानी आने लगी। सर्विस सेंटर पर दिखाया तो उसे ठीक करने व कुछ पार्टस बदलने के बावजूद खराबी नहीं सुधरी। इस तरह से उसकी सेवा में कमी की गई है। उसे नई बाइक दिलवाई जाए। इस परिवाद पर कम्पनी ने नोटिस का जावब देते हुए कहा कि बाइक में कोई खराबी नहीं है। हालांकि मंच ने बाइक को अदालत में मंगवाकर स्वयं चेक किया तो उसमें खराबी पाई गई। इस पर मंच ने शोरूम प्रबंधक व कम्पनी को आदेश दिए कि वह परिवादी को खराब बाइक बदलकर दे या फिर उसे 49525 रुपए कीमत एक माह में अदा करें। साथ ही 3 हजार रुपए मानसिक संताप व 2 हजार रुपए परिवाद व्यय भी अदा करना होगा।

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