scriptOMG: कर्जा चुकाने के लिए बेच दी शुगर मिल की 400 बिघा जमीन | 400 Biga land sold of Sugar Mill Factory in keshavrai patan Bundi | Patrika News
कोटा

OMG: कर्जा चुकाने के लिए बेच दी शुगर मिल की 400 बिघा जमीन

डेढ़ दशक से अधिक समय से बंद पड़ी बूंदी जिले की केशवरायपाटन की सहकारी शुगर मिल की 400 बीघा जमीन बेच डाली।

कोटाJan 23, 2019 / 09:21 pm

​Zuber Khan

Sugar Mill

OMG: कर्जा चुकाने के लिए बेच दी शुगर मिल की 400 बिघा जमीन

बूंदी. डेढ़ दशक से अधिक समय से बंद पड़ी केशवरायपाटन की सहकारी शुगर मिल का मामला मंगलवार को विधानसभा में गूंजा। विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने मिल के पुनर्संचालन की मांग उठाई। मेघवाल ने सदन को बताया कि शुगर मिल की स्थापना बूंदी जिले के प्रगतिशील किसान प्रतिनिधियों की ओर से राजस्थान को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट 1965 के तहत सोसायटी का गठन कर 15 नवम्बर 1965 को की थी। वर्ष 1966 से मिल का प्रबंधन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने शुरू किया। उक्त मिल में प्रथम गन्ने की पिराई वर्ष 1969-70 से शुरू हुई। जिससे क्षेत्र में कृषि एवं रोजगार के क्षेत्र में वृद्धि हुई थी।
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मिल की स्थापना के समय राज्य सरकार की 84 फीसदी और किसानों की 16 फीसदी हिस्सा राशि थी। वर्ष 1969 से 1977 तक सरकार की ओर से बोर्ड नियुक्त किया जाता था।मिल में तत्कालीन परिस्थितियों के कारण केंद्र सरकार ने 1978 से 198 5 तक कस्टोडियन नियुक्त कर प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। वर्ष 198 5 में फिर राज्य सरकार को सौंप दिया।

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सरकार ने वर्ष 198 5 से 2000 तक मिल का प्रबंधन किया और सुचारू रूप से चालू रखी। वर्ष 2001 व 2002 में प्रदेश में अकाल पड़ा तब क्षेत्र के किसानों ने गन्ने की फसल सरकार को चारे के रूप में उलब्ध करा दी। ताकि पशुधन की अकाल मौत नहीं हो। चारा अन्य जगहों पर भेजा गया।इसके बाद गन्ने का उत्पादन धीरे-धीरे कम होता चला गया। तब सब केबिनेट कमेठी ने 22 अप्रेल 2003 को मिल को बंद करने का निर्णय कर लिया।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में अकाल की स्थिति रही इस कारण मिल का पिराई सत्र बंद कर गन्ने को चारे के लिए भेजा गया, तब से मिल घाटे में चलना शुरू हुई। वर्ष 2000 तक घाटा बढ़कर 16 करोड़ का हो गया था। मिल में अवसायक नियुक्त होने के बाद मिल के उक्त घाटे को चुकाने व कर्मचारियों की बकाया राशि को देने के लिए मिल की करीब चार सौ बीघा जमीन सरकार के पावर प्लांट के लिए बेच दिया। जो राशि मिली उससे सारी देनदारियां चुका दी गई।
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वर्तमान में शुगर मिल के पास 169 बीघा औद्योगिक भूमि शेष है। इस जमीन पर प्लांट, गोदाम और ऑफिस बने हुए हैं। मिल के पास करीब 17 करोड़ रुपए खाते में जमा है। उक्त मिल में करीब 4300 किसान शेयर होल्डर हैं, जिनकी हिस्सा राशि करीब सवा करोड़ रुपए है। क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसान, गन्ना उत्पादक अंशधारी किसान समिति के नेतृत्व में मिल में अवसायक नियुक्त होने के बाद पुनर्संचालन के लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है। मिल गेट पर वर्ष 2018 में क्रमिक अनशन भी चलाया गया था। सरकार मिल का पुनर्संचालन करें जिससे क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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