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कोटा

अन्नदाता के आंसूः आपके आटे, तेल, सब्जी का इंतजाम करने सर्द रातों में 11 लाख घंटे ठिठुरेंगे 29 हजार किसान

यकीन न हो, लेकिन यह सच है। आपके लिए गेहूं धनिया, सरसों, चना, मसूर, लहसुन, और अलसी का इंतजाम करने को किसान सर्द रातें खेतों में काटेगा।

कोटाNov 28, 2017 / 07:35 am

​Vineet singh

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29 thousand farmers of Hadouti will be Shivering 11 lakh hours in cold nights

कोटा ही नहीं हाड़ौती संभाग के 29 हजार 164 किसान रबी के पूरे फसली सीजन में 11 लाख घंटे कड़ाके की सर्दी में ठिठुरता हुआ फसल की सिंचाई में लगा रहता है। इस दौरान सर्दी, ठिठुरन से उसका खून जम जाता है, लेकिन आपके लिए घर बैठे आटे, तेल, दाल और सब्जियों का इंतजाम करने में पूरी जान लगा देता है।
 

अंगुलियां, हाथ-पैर, हड्डियां तक अकड़ जाती हैं। बावजूद इसके, वह पूरी रात सर्दी में खेतों में सांप-बिच्छुओं के डर के बीच ही बिस्तरों पर लेटा रहता है। बिजली ट्रिपिंग होने पर बिस्तरों से झपकियां लेता हुआ लाइट आने का इंतजार करता रहता है। कभी-कभी तो पूरी रात अंधेरे में ही कट जाती है। इसमें वह बिजली आने के इंतजार में सर्द अंधेरी रात में खेतों में बैठा रहता है।
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यह रहा किसान की मेहनत का हिसाब

कोटा संभाग में 29 हजार 164 किसानों को कृषि कनेक्शन जारी कर रखे हैं। यानी इन किसानों के खेतों में थ्री फेज बिजली आने पर ही पलेवा होता है, सिंचाई होती है। रबी फसल में किसान पलेवा सहित कुल चार सिंचाई करता है। इसमें से तीन सिंचाई नवम्बर से फरवरी तक करता है। इस अवधि में सर्दी का जोर रहता है। एक हैक्टेयर खेत का पलेवा करने में अमूमन 32 घंटे, पहली सिंचाई में 24 घंटे व दूसरी में 20 घंटे लगते हैं। एेसे में इन चार महीनों में सर्दी के माहौल में किसान 74 घंटे बिजली लेकर सिंचाई करता है। यह बिजली रोटेशन के तहत दिन व रात में मिलती है। एेसे में अगर 76 घंटों को दो भाग कर आधे दिन के और आधे रात के कर दिए जाएं तो किसान को दिन में 38 व रात में भी 38 घंटे बिजली मिल रही है। अब प्रति किसान 38 घंटे को हाड़ौती के 29 हजार 164 का गुणा करने पर पता चलता है कि 11 लाख 8 हजार 232 घंटे का कहर झेल रहे हैं धरतीपुत्र।
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रात में नहीं, दिन में चाहिए बिजली

हाडौती के किसानों को रात के बजाय दिन में पर्याप्त बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने हाड़ौती नव निर्माण परिषद के बैनर तले जेवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता से वार्ता की। भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष गिर्राज गौतम ने बताया कि प्रदेश में किसानों को 7 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की घोषणा की गई है। उसके अनुरुप रात में 3 से 4 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। जबकि वर्तमान में रात का तापमान काफी गिर चुका है। ऐसे में किसानों को रातभर जागकर सिंचाई करनी पड़ रही है। इन्द्रगढ़, सांगोद, रामगंजमण्डी आदि अनकमांड क्षेत्र में बिजली की ट्रिपिंग के चलते किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
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किसानों की सुध ले सरकार

हाड़ौती नवनिर्माण परिषद के प्रवक्ता देबू राही ने कहा कि किसानों को निर्धारित समय की बिजली आपूर्ति रात की बजाय दिन में कराई जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री ऊर्जा मंत्री, जेवीवीएनएल के सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंपकर विद्युत आपूर्ति का समय परिवर्तन की मांग की। इस दौरान मनीष शर्मा, सुनील गौतम, इकबाल सिंह बरार, पार्षद दौतलराम मेघवाल, मनीष चौधरी आदि उपस्थित थे। कोटा देहात जिला कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष मनोज दुबे ने विद्युत निगम से किसानों को दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध कराने की मांग की है।

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