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कोटा

सरकार ने घोटाले में दी Charge sheet, स्वास्थ्य निदेशालय ने दिया 11 लाख का तोहफा

नसबंदी के फर्जीवाड़े के बाद बारां में भुगतान का भी फर्जीवाड़ा हो गया। सरकारी आदेशों को नजरंदाज कर हॉस्पिटल को 11 लाख रुपए जारी कर दिए।

कोटाSep 10, 2017 / 07:19 pm

​Vineet singh

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11 lakhs Rupees paid to hospitals doing sterilization scam

बारां के दो निजी हॉस्पिटल ने नसबंदी के नाम पर घोटाला किया तो राज्य सरकार ने Charge sheet जारी कर कड़़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए। लेकिन इन्हीं हॉस्पिटल को स्वास्थ्य निदेशालय ने ‘घोटाले’ का भुगतान भी कर दिया। पोल खुली तो अफसर वसूली कराने की बात कह कर खुद को बचाने में जुट गए हैं।
 
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बारां जिले में निजी हॉस्पिटल में हुए नसबंदी केसेज के जिस मामले में सीएमएचओ सहित अन्य दो जनों के खिलाफ राज्य सरकार ने Charge sheet के निर्देश दिए थे उसमें जयपुर निदेशालय से दोनों हॉस्पिटल को भुगतान करने के आदेश कर दिए गए। यही नहीं, हॉस्पिटल को 6 सितंबर को भुगतान भी कर दिया गया। गोयल हॉस्पिटल को 1.62 लाख और सीताबाड़ी हॉस्पिटल को 9.31 लाख रुपए का भुगतान करा दिया गया है। अब मामला खुलने पर अधिकारी कह रहे हैं कि वे दोनों हॉस्पिटल से रिकवरी करवा लेंगे।
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पत्रिका ने किया था खुलासा

बारां सीएमएचओ डॉ. बृजेश गोयल के रसूख के चलते केलवाड़ा सीएचसी की जगह सीताबाड़ी हॉस्पिटल ने अपने यहां ही नसबंदी के कई कैंप लगाए। इसका कुछ भुगतान बारां के गोयल हॉस्पिटल ने भी उठा लिया था। मामले का खुलासा ‘पत्रिका’ ने लगातार समाचार प्रकाशित कर किया और तब राज्य सरकार ने बारां सीएमएचओ सहित अन्य को Charge sheet देने के निर्देश दिए थे।
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अधिकारी बदलते ही हो गया खेल

जयपुर में निदेशक बदलते ही सारा ‘खेल’ कर दिया गया। गबड़बड़झाले की जांच के समय निदेशक परिवार कल्याण डॉ. वीके माथुर थे। उन्होंने गोयल व सीताबाड़ी हॉस्पिटल में अनियमितता मानते हुए संयुक्त निदेशक कोटा को निर्देश दिए थे कि बारां सीएमएचओ समेत सभी दोषियों को Charge sheet दें। Charge sheet कोटा के उपनिदेशक डॉ. एमपी सिंह तैयार कर रहे हैं। उधर, जयपुर में निदेशक आरसीएच का चार्ज डॉ. एसएम मित्तल को मिल गया। उनके बदलते ही बारां सीएमएचओ कार्यालय से एक पत्र जयपुर भेजा गया। उसी के आधार पर कार्मिकों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर Charge sheet की बात गौण कर दी और दोनों संस्थानों के भुगतान के आदेश जारी कर दिए। इसी पत्र को आधार बनाते हुए बारां सीएमएचओ ने बकाया 11 लाख रुपए का भुगतान दोनों निजी हॉस्पिटल को कर भी दिया है।
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मुझे अंधेरे में रख कराए आदेश

निदेशक, आरसीएच डॉ. एसएम मित्तल से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे Charge sheet के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं है। कार्मिकों ने मुझे फाइल में पूरे दस्तावेज नहीं दिखाए। अंधेरे में रखकर भुगतान के आदेश दिए हैं। बारां सीएमएचओ को मौखिक फोन पर भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं। भुगतान हो गया होगा तो दोनों हॉस्पिटल से पैसे की रिकवरी की जाएगी। साथ ही मेरे अधीन कार्मिकों की भी जांच करवाऊंगा। वहीं सीएमएचओ बारां के लेखा अधिकारी शंकरलाल गुप्ता ने बताया कि 11 लाख का भुगतान जयपुर के निर्देश पर दोनों हॉस्पिटल को कर दिया है। जयपुर से दुबारा रिकवरी के निर्देश मिलेंगे तो वसूल लेंगे।

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