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कोटा

एक विदेशी की मौत ने हिला दी सरकार, इधर 10 जानों का जवाबदार कोई भी नहीं

जयपुर में आवारा मवेशी ने ली विदेशी नागरिक की जान तो सरकार हिल गई। लेकिन कोटा में 10 जाने चली गई और निगम ने अभी तक जवाबदेही तय नहीं की।

कोटाNov 23, 2017 / 12:31 pm

ritu shrivastav

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सांड को पकडते लोग

कोटा . जयपुर शहर में 5 दिन पहले आवारा मवेशी के कारण एक विदेशी नागरिक की जान जाने के बाद नगर निगम और राज्य सरकार हिल गई। जयपुर निगम ने मौत के लिए जिम्मेदार मानते हुए तीन कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया और दो अधिकारियों को आनन-फानन में हटा दिया। इधर, कोटा में पिछले छह माह में दस लोगों की आवारा मवेशियों ने जान ले ली, लेकिन निगम ने किसी अधिकारी-कर्मचारी की कोई जिम्मेदारी तय नहीं की। निगम प्रशासन ने किसी कर्मचारियां को नोटिस तक नहीं दिया। शहर में आवारा मवेशियों की समस्या जस की तस है।
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समस्या के समाधान का प्रयास नहीं

शहर में मुख्य सड़कों से लेकर कॉलोनियों की सड़कों पर दिन-रात आवारा मवेशियों का जमावड़ा रहता है। इस कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। निगम प्रशासन ने आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान के कोई प्रयास नहीं किए। दिखावटी तौर पर कभी कभार आवारा मवेशियों की धरपकड़ जरूर की जाती है। पिछले दो माह से आवारा मवेशी पकडऩे का काम बंद पड़ा है। गोशाला में गोवंश ठसाठस भरा है, इस कारण यहां मवेशी रखने की जगह नहीं है।
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लाखों रुपए खर्च, समाधान नहीं

निगम की ओर से आवारा मवेशी पकडऩे के लिए हर साल मोटी रकम खर्च की जाती है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले साल करीब 15 लाख रुपए का बजट खर्च किया गया। इस बार भी मवेशी पकडऩे का ठेका दिया गया है। निगम की रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह माह में पांच सौ से अधिक आवारा मवेशी पकड़े थे।
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सड़कों पर बाड़े, कार्रवाई नहीं

निगम की सुस्ती के कारण पशुपालकों ने शहर की सड़कों पर ही बाडे़ बना लिए हैं। छावनी, आकाशवाणी कॉलोनी, गोबरिया बावड़ी से घटोत्कच चौराहे तक की ग्रीनबेल्ट के आस-पास पशुपालकों ने डेरे डाल रखे हैं। निगम ने एक बार भी कार्रवाई नहीं की। दुधारू गायों और भैंसों को दूध निकालने के बाद खुला छोड़ देते हैं। यह दिनभर सड़कों पर विचरण करते रहे हैं। इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
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उत्पात मचा रहेे सांड को पकड़ा

नगर निगम के गोताखोरों की टीम ने बुधवार को स्टेशन क्षेत्र में उत्पात मचा रहे सांड को पकड़कर गोशाला भेजा। अग्निशमन अधिकारी अमजद खान ने बताया कि रेलवे स्टेशन के पास एक सांड लोगों को मार रहा था। इसकी शिकायत निगम में की गई थी। उपायुक्त राजेश डागा के निर्देश पर शाम को गोताखोरों की टीम ने एक घंटे की मशक्कत के बाद सांड को पकड़ा।
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जयपुर में एक विदेशी नागरिक की मौत पर निगम ने जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की, कोटा में क्यों कार्रवाई नहीं की?
शहर में आवारा मवेशियों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया गया था। फिर पकडे़ंगे। अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई करते हैं। आवारा मवेशी से मौत पर कैसे कार्रवाई की जाए। पशुपालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
जयपुर में कार्रवाई हुई तो कोटा में क्यों नहीं?
जयपुर में निगम अधिकारियों पर कार्रवाई का पता नहीं है।

आवारा मवेशियों की समस्या तो जस की तस है, क्या प्रयास हैं आपके?
मवेशियों की ट्रैकिंग करने के निर्देश दिए थे। मवेशी की पहचान होने पर पशुपालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे। अभी पशुओं की पहचान नहीं होने से कार्रवाई नहीं हो पाती।

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