डीएसपी मुख्यालय धीरेंद्र पटेल के अनुसार प्रार्थी संतकुमार चेरवा पिता रामसाय ने 18 सितंबर 2020 को आरोपी बिल्डर (Builder) संजय अग्रवाल पिता महंगीलाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने बताया था कि उसने संजय अग्रवाल से कुछ रुपए उधार लिया था।
उसके बदले में आरोपी ने जबरन झूठे प्रकरण (Fake case) में गवाही के रूप में हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य करने, हस्ताक्षर नहीं करने पर जातिगत गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देने का उल्लेख किया गया था। साथ ही फर्जी मुख्तरनामा तैयार कर छलपूर्वक जमीन की बिक्री कर दी है।
मामले में आजाक थाना बैकुंठपुर में धारा 294, 506, 420, 467, 468, 471, 374 एवं अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(द)(ध), 3(1)(ज) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। प्रकरण के विवेचना में यह पाया गया कि आरोपी संजय अग्रवाल द्वारा ग्राम रामपुर स्थित बुजुर्ग महिला शाति बाई पति शिवनारायण के स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 107/1 को अनुसूचित क्षेत्र के लिए भू-राजस्व संहिता के उपबंधों के विरुद्ध कार्य कर पहले अपने वाहन चालक राजेश सिंह पिता शंभू सिंह रजिस्ट्री कराई।
इसमें तत्कालीन अपर कलक्टर (Upper collector) एडमण्ड लकड़ा ने भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन कर रजिस्ट्री कराने की अनुमति दी थी। फिर उसी भूमि की रजिस्ट्री निरस्त किए बिना ही शांति बाई को रजिस्ट्री फेल होने के कारण दोबारा रजिस्ट्री की जरूरत बताई गई। इसके बाद आरोपी संजय अग्रवाल ने दोबारा अपने कर्मचारी अरविंद सिंह के नाम रजिस्ट्री करा ली।
बिल्डर ने फर्जीवाड़ा कर जमीन पहले अपने ड्राइवर के नाम, फिर कराया अपनी कंपनी के नाम
पुलिस के अनुसार आरोपी संजय अग्रवाल ने प्रार्थी को रजिस्ट्री में साक्षी बनने की बात कहकर छलपूर्वक मुख्तार आम बनाया। फिर जनवरी 2018 में अरविंद सिंह के निधन के बाद अवैध मुख्तार आम का प्रयोग कर उक्त भूमि को विक्रय कर राशि स्वयं नकद व चेक के माध्यम से मां वैष्णव एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम करा ली।
मामले में बिल्डर आरोपी संजय अग्रवाल को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है। वहीं तत्कालीन अपर कलक्टर एडमण्ड लकड़ा को बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया है।
राजस्व टीम ने बिल्डर की अवैध कब्जे की दीवार तोड़ी
तहसीलदार ऋचा सिंह के नेतृत्व में दो दिन पहले बिल्डर संजय अग्रवाल की अवैध रूप से काबिज जमीन की दीवार तोड़ दी गई है। यह जमीन बैकुंठपुर-चिरमिरी रोड पर ग्राम चेर में स्थित है। बिल्डर ने खसरा नंबर 276/1, रकबा 0.282हेक्टर (साढ़े 17 डिस्मिल) पर अवैध कब्जा कर बाउंड्रीवाल निर्माण कराया था, जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपए तक आंकी गई है और यह जमीन छोटे झाड़ की जंगल के रूप में दर्ज है। इस पर अवैध कब्जा कर लिया गया था।