जो लोग भूमि पर रियासत काल से काबिज थे, नजूल अभिलेख में केवल उनका कब्जा दर्ज है। उन्हें मालिकाना हक प्राप्त नहीं है। इस कारण उन्हें अपने व्यापार के लिए बैंक ऋण नहीं मिलता है।
Social Media Alert: सावधान! सोशल मीडिया पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना होगा भारी नुकसान… CG Politics: भूमि आवंटित करने की मांग की गई थी
पूर्व सीएम भूपेश बघेल एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत के मनेद्रगढ़ आगमन पर नगरवासियों व व्यापारियों के साथ उनका ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित कराया था। नजूल भूमि पर रियासत काल से काबिज लोगों को कब्जे की भूमि आवंटित करने की मांग की गई थी।
जिससे तत्कालीन कलेक्टर से जांच प्रतिवेदन लेकर वर्ष 2022 में नजूल भूमि पर रियासत काल में काबिज व्यक्तियों को पट्टा आवंटित करने का आदेश राजस्व सचिव ने जारी किया था। जिससे मनेद्रगढ़ में व्यापारियों के बीच खुशी की लहर थी।
CG News: PDW की बड़ी लापरवाही, 3 हजार से अधिक कर्मचारियों को नहीं मिलेगा ईपीएफ का लाभ! जानिए पूरा मामला सीएम साय ने नजूल जमीन आवंटन आदेश को किया निरस्त
CG Politics: उसी समय जो व्यक्ति रियासत काल से नजूल भूमि पर काबिज नहीं था, परंतु नजूल भूमि पर मकान बनाकर निवास कर रहा था। उसके द्वारा बाजार मूल्य का 151 फीसदी राशि अदा कर उसके पक्ष में नजूल भूमि आवंटित करने का आदेश जारी किया था। सत्ता बदलने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने 23 जुलाई को परिपत्र जारी करा नजूल जमीन आवंटन आदेश को निरस्त करा दिया है।