मनेंद्रगढ़ के चैनपुर में एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग व जीएनएम का कोर्स कराया जाता है। यहां करीब 100 छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसमें से करीब 40 छात्राएं हॉस्टल में रहती हैं। मामले में जांच करने तहसीलदार और थाना प्रभारी पहुंचे तो हर महीने का रजिस्टर ही मेंटेन नहीं था। वहीं फीस जमा नहीं कर पाने पर एक छात्रा के कपड़े तक हॉस्टल में रख लिए जाने की बात सामने आई।
पुलिस और प्रशासन ने छात्राओं और परिजन से बात की। तब पेंड्रा, भरतपुर और राजनगर इलाके से आईं छात्राओं को अपनी मौजूदगी में टीसी और ओरिजनल दस्तावेज दिलवाए गए। वहीं मुख्य मार्ग से कॉलेज तक पहुंचने में छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चिकनी मिट्टी के कारण सडक़ की हालत खराब है। इसके अलावा नहाने के लिए गंदा पानी आने, टंकी की सफाई नहीं होने, पर्याप्त पानी नहीं मिलने,
हॉस्टल के एक रूम में 15 से 20 छात्राओं को रखने, हॉस्टल में भोजन की गुणवत्ता सही नही होने की बात भी सामने आई। मामले में कलक्टर पीएस ध्रुव जांच प्रतिवेदन आने के बाद कार्यवाही की बात कह रहे हैं। वहीं कालेज के सहायक संचालक गोपाल सिंह ने छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह मिथ्या बताया है। उनका कहना है कि नहीं पढऩे वाली छात्राएं ऐसा कह रही हैं।
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स्टूडेंट्स के बिना हस्ताक्षर फॉर्म भरवाने का आरोपकलक्टर कार्यालय से 1 किलोमीटर की दूरी पर संचालित एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कालेज में मनमानी सामने आई है। पढऩे वाली छात्राओं और परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं। उसके अनुसार यहां मनमानी चल रही है। छात्राओं का कहना है कि वे कॉलेज में पढऩा नहीं चाहती हैं। बावजूद उनके बिना हस्ताक्षर के परीक्षा फार्म भर दिए गए हैं।
इतना ही नही कालेज में जमा उनके ओरिजनल दस्तावेज देने के लिए उनको परेशान और टीसी देने के लिए घुमाया गया। तबियत खराब होने पर दो महीने के लिए अनुपस्थित होने पर प्राचार्य ने 25 हजार रुपए मांगे।
साथ ही हॉस्टल (Nursing hostel) का पैसा जमा नहीं करने पर परीक्षा में नही बैठने दिया गया। कॉलेज में बीएससी नर्सिंग और जीएनएम का कोर्स संचालित है।