कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड अंतर्गत ग्राम केशगवां निवासी अति गरीब एवं विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति की एनीमिक पीडि़त महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल बैकुंठपुर रेफर किया गया था। महिला जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन किसी स्टाफ ने थप्पड़ मार कर उसे वहां से भगा दिया।
महिला के साथ 4 माह का नवजात भी था। महिला का कहना है कि चप्पल पहन कर अस्पताल के कमरे में अंदर जाने के कारण एक स्टाफ नर्स ने गाली-गलौज कर थप्पड़ मारा। महिला सूरजपुर की घुईडीह ग्राम की निवासी है और उसका मायका सोनहत के ग्राम केशगवां में हैं। पीडि़ता निर्मला पण्डो के शरीर में खून की कमी, बुखार एवं अन्य परेशानी के कारण सोनहत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
महिला के इलाज में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मदद भी की, लेकिन सोनहत में खून चढ़ाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां किसी स्टाफ नर्स ने पण्डो महिला को भगा दिया। फिलहाल महिला की स्थिति ठीक नहीं है और बहुत कमजोरी है। ठीक से चल भी नहीं पा रही है।
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पण्डो समाज में नाराजगी, जांच व कार्रवाई करने मांग उठाईमामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पण्डो समाज के प्रदेश अध्यक्ष उदय कुमार पण्डो ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि पूरी घटना की जांच कराने के साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। कार्यवाही नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
स्टाफ नर्स ने एनीमिक पीडि़त महिला के खिलाफ कई प्रकार की टिप्पणियां की कि तुम्हे खून (Blood) कौन देगा, तुम लोग आ जाते हो, सब परिवार लेकर…,। महिला ने अस्पताल से घर आकर आपबीती बताई, इसके बाद मामला सामने आया।