कोरिया जिले के ग्राम जिल्दा निवासी विजेंद्र कुमार यादव ने 2011 में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय रायपुर को शिकायत (Big forgery) की थी। इसमें बताया गया कि जनपद पंचायत खडग़वां में पंचायत कर्मी (सचिव) विकास कुमार के जाति प्रमाण की जांच करें।
साथ ही पंचायत सचिव का जाति प्रमाण पत्र, कार्यालय नायब तहसीलदार खडग़वां की जांच रिपोर्ट और मिसल अभिलेख सौंपे गए थे। मामले (Big forgery) में समिति ने जिला पंचायत कोरिया से नियुक्ति-पदोन्नति आदेश एवं सेवा पुस्तिका की सत्यापित छायाप्रति मांगी थी। तहसीलदार खडग़वां से 2002 में जायसवाल/कलार पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनाया गया है।
उसी के आधार पर कार्यालय उप संचालक पंचायत एवं समाज कल्याण कोरिया की ओर से 2006 में विकास कुमार की सचिव के पद पर नियुक्ति की गई है। विजिलेंस सेल को भी जांच (Big forgery) कराने जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने प्रमाण पत्र पाया फर्जी
मामले में उच्च स्तरीय छानबीन समिति रायपुर ने तहसीलदार खडग़वां से जारी जाति प्रमाण जायसवाल/कलार अन्य पिछड़ा वर्ग निरस्त कर दिया है। समिति ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र धारक के दादा मिसल अभिलेख वर्ष 1948-49 में जाति जैसवाल बनिया अंकित है।
वहीं मनेंद्रगढ़ तहसील फॉर्म बी-1 वर्ष 1980-81 में जाति जैस (Big forgery) अंकित है। इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य में जायसवाल अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र की पात्रता नहीं है।
Big forgery: कार्रवाई करने कलेक्टर अधिकृत
कार्यालय उप संचालक पंचायत एवं समाज कल्याण कोरिया की ओर से 2006 में विकास कुमार की सचिव के पद पर नियुक्ति की गई है। पंचायत सचिव (Big forgery) के पद पर ओबीसी सीट से भर्ती हुई है। मामले में 18 साल ओबीसी कोटे से नौकरी करने के बाद जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
साथ ही नियम 2013 के नियम 23(3) एवं 24(1) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। वहीं गलत सामाजिक प्रमाण पत्र को लेकर कार्रवाई करने डीएसपी विजिलेंस सेल को अधिकृत किया गया है।