No confidence motion: कांग्रेस को मिली पटखनी: अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 12 वोट, नपाध्यक्ष को गंवानी पड़ी कुर्सी
No confidence motion: शिवपुर-चरचा नगरपालिका परिषद के भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव, वोटिंग में नपाध्यक्ष को 15 में से मिले मात्र 3 वोट
बैकुंठपुर. No confidence motion: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस को पटखनी मिली है। एक और नगरपालिका उनके हाथ से चली गई। दरअसल कोरिया जिला स्थित नगर पालिका शिवपुर चरचा की अध्यक्ष लालमुनी यादव के खिलाफ शुक्रवार की दोपहर 12 बजे भाजपा पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाया। वोटिंग के बाद गिनती हुई। इसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकि नपाध्यक्ष को मात्र 3 वोट ही मिले। ऐसे में नपाध्यक्ष लालमुनी यादव को कुर्सी गंवानी पड़ी। हैरान करने वाली बात यह है कि नगरपालिका में कांग्रेस के 8 पार्षद हैं, इसके बावजूद सरकार गिर गई।
नगर पालिका शिवपुर चरचा नपाध्यक्ष के खिलाफ वार्ड क्रमांक-13 के पार्षद एवं नपा उपाध्यक्ष राजेश सिंह एवं 4 अन्य पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को संयुक्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाने मांग रखी थी।
नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 43-क की उप धारा 2 के तहत नपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। अपर कलेक्टर एवं पीठासीन अधिकारी से जारी आदेश सीएमओ ने 12 अगस्त को नगर पालिका परिषद एवं पीआईसी की बैठक में नपाध्यक्ष एवं कांग्रेसी पार्षदों को सौंपा था। नगर पालिका शिवपुर चरचा में कुल 15 पार्षद निर्वाचित हैं।
कांग्रेस समर्थित 5 पार्षदों के मोबाइल थे बंद
अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) की बात सामने आने के बाद पिछले 12 दिन से भाजपा के 5 पार्षदों के अलावा कांग्रेस समर्थित 5 पार्षदों के मोबाइल स्वीच ऑफ हो गए थे। दरअसल 12 अगस्त को परिषद की बैठक रखी गई थी। इसमें 10 पार्षद शामिल नहीं हुए। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा भी चल रही थी। इसी बीच 12 दिन बाद 23 अगस्त को सभी नदारद पार्षद लौट आए।
No confidence motion: अविश्वास प्रस्ताव पारित, नपाध्यक्ष की गई कुर्सी
शुक्रवार को पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर के सामने अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाया गया। फिर कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग हुई। मतों की गिनती के बाद नपाध्यक्ष लालमुनी यादव को मात्र 3 वोट मिले।
यानी 15 में से मात्र 3 पार्षदों ने ही उनके समर्थन में वोटिंग की। जबकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े। सरकार गिरते ही भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक भइयालाल राजवाड़े समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कांग्रेस 8, भाजपा के 5 और निर्दलीय से हैं 2 पार्षद
नगरीय निकाय चुनाव-2022 में कांग्रेस के 8 पार्षद, भाजपा के 5 पार्षद और निर्दलीय 2 पार्षद निर्वाचित हुए थे। चुनाव के बाद 2 निर्दलीय पार्षदों ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को समर्थन दिया।
इससे 10 पार्षदों का विश्वास मत हासिल कर कांग्रेस की लालमुनि यादव नपाध्यक्ष बनी थीं। वहीं मात्र 5 पार्षदों वाले भाजपा के पार्षद राजेश सिंह क्रॉस वोटिंग के बाद नपा उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
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