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कोरीया

रिटायर्ड फौजी की 5 एकड़ जमीन की हेराफेरी, सैनिक बोर्ड से मिली थी, जांच करने पहुंचे तहसीलदार-आरआई

Land forgery of retired soldier: भारतीय वायु सेना से रिटायर्ड फौजी को सैनिक बोर्ड द्वारा बचरापोड़ी तहसील क्षेत्र में खसरा नंबर 552 एवं 553 रकबा 2.02 हेक्टेयर आवंटित की गई थी जमीन, फर्जीवाड़ा कर की गई है बिक्री, खरीदारों ने बना लिए हैं पक्के मकान

कोरीयाSep 12, 2023 / 09:09 pm

rampravesh vishwakarma

Land forgery

Tehsildar reached to measuring land with RI and Patwari

बचरापोड़ी. Land forgery of retired soldier: भारतीय वायु सेना से रिटायर्ड फौजी को सैनिक बोर्ड से आवंटित जमीन की हेराफेरी करने के मामले में राजस्व टीम जांच करने पहुंची। इस दौरान रिकॉर्ड लेकर स्थल का मुआयना किया गया। जहां फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करा बाउंड्रीवाल सहित 4 पक्का मकान बना लिया गया है। कोरिया जिले के पोड़ी बचरा तहसीलदार के नेृतत्व में राजस्व निरीक्षक व पटवारी की टीम जांच करने पहुंची। मामले में रजिस्ट्री को फर्जी बता बड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।

गौरतलब है कि सप्ताहभर पहले केंद्रीय संगठन ईसीएचएस एडजुटेंट जनरल शाखा रक्षा मंत्रालय दिल्ली कैंट के उप प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जितेंद्र सिंह ने कलक्टर को पत्र लिख जांच आवेदन प्रस्तुत किया है। इसमें लिखा गया है कि सैनिक बोर्ड से भारतीय वायु सेना के रक्षा कर्मी स्व वशिष्ठ सिंह को कोरिया जिले के ग्राम बचरापोंड़ी में खसरा नम्बर 552, 553, रकबा 2.02 हेक्टेयर जमीन आवंटित है।
सेवा के दौरान 1994 में उनका निधन हो गया था। परिवार में उनकी पत्नी चंदा देवी, दो बेटे एवं एक बेटी हैं। वहीं वशिष्ठ सिंह की पत्नी चंदा देवी का भी 2007 में निधन हो गया है। आवंटित जमीन के असली हकदार वशिष्ठ सिंह के पुत्र ब्रिगेडियर जितेंद्र सिंह, परविंदर सिंह एवं पुत्री डॉ राखी सिंह हैं।
लेकिन सरकार से आवंटित जमीन की धोखाधड़ी कर किसी महिला ने खुद को चंदा देवी बताकर फर्जी तरीके से तस्वीर, जाली राशनकार्ड-हस्ताक्षरों का इस्तेमाल कर बेच दी है।


ब्रिगेडियर ने राजस्व विभाग के कामकाज पर भी उठाया है सवाल
ब्रिगेडियर ने अपने पत्र में लिखा है कि धोखाधड़ी कर जमीन को बिक्री करने में स्थानीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि रक्षा कर्मियों और उनके परिवार की संपत्ति हड़पने वाले भष्ट्राचारियों के इस भयावह मामले की जांच करें। रक्षा मंत्रालय के पत्र के साथ सेवा रिकॉर्ड में फर्जी बिक्री, स्व वशिष्ठता सिंह एवं पत्नी स्व चंदा देवी की मृत्यु प्रमाण पत्र एवं पहचान दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं।

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वर्ष 2011 में बेची गई थी फौजी की जमीन
पोड़ीबचरा तहसील क्षेत्र के बचरा पटवारी हलका नंबर-6 में दिवंगत फौजी को खसरा नंबर 552 एवं 553 रकबा 2.02 हेक्टेयर जमीन आवंटित है। सैनिक बोर्ड द्वारा सैनिक वशिष्ठ सिंह को जीवन निर्वाह करने आवंटित की गई थी। मामले में ग्रामीणों ने भी मुख्य सचिव के नाम शिकायत सौंपकर बताया कि कोई शत्रुधन एवं विमला देवी ने कूटरचित दस्तावेज एवं भू-बिचौलियों से मिलीभगत कर सैनिक की जमीन को बेची है।
फर्जीवाड़ा करने वाले पुरुष व महिला ने दिवंगत सैनिक वशिष्ठ सिंह एवं पत्नी चंदा सिंह बनकर खुद को पेश किया। फिर सविता कुंडु निवासी सरगुजा को 27 अप्रैल 2011 को बेची है। वहीं चंदादेवी बनकर पेश होने वाली विमला सिंह ने 29 मार्च 2007 में अपने स्वामित्व एवं अधिपत्य की भूमि को चिरमिरी निवासी फुलेश्वरी को बिक्री कर गांव छोड़ चली गई हैं।

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दस्तावेज के हिसाब से गलत पाई गई है रजिस्ट्री
जो दस्तावेज प्राप्त हुए हैं, उस आधार पर रजिस्ट्री गलत तरीके कराई गई। आगे अभी जांच होगी, दो-तीन दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ग्रामीणों का बयान भी लिया जाएगा। गलत तरीके और मिलीभगत कर फर्जी रजिस्ट्री कराने वालों पर कार्यवाही होगी। रजिस्ट्री कैंसिल भी होगी। प्रारंभिक जांच में दर्जनों की संख्या में जमीन खरीदने वालों के नाम सामने आ रहे हैं।
माधुरी आंचला, तहसीलदार बचरापोड़ी

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