एमसीबी जिले के जनकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिंगरौली निवासी सुशीला कुशवाहा ने 2 फरवरी २३ को रिपार्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि शाम 4 बजे दुकान में बैठी थी। घर की छत ढलाई काम चल रहा था। जहां मजदूर काम कर रहे थे और मेरे पति महाजन कुशवाहा घर के बाहर खड़े थे।
उसी समय एक सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी पहुंची, जिसमें 4 लोग सवार थे। तुरंत दो आदमी नीचे उतरे, उसमें एक लल्लू महराज बुढार जिला शहडोल मध्यप्रदेश निवासी था। जो मेरे पति महाजन को अपने साथ चलने बोले तो मेरे पति बोले कि लेबर का पेमेंट करना है। मैं अभी नहीं जाऊंगा।
फिर लल्लू महाराज कमर से कट्टा निकालकर मेरे पति के कनपटी में सटा दिया। फिर गाली-गलौज कर घसीटते बुलेरो में बैठा लिया। जिससे मैं अपने पति को छोडऩे के लिए विनती की तो मुझे बोले, 2 लाख लेकर आना तब छोड़ेंगे। इतने में भूतपूर्व सरपंच सहित अन्य पहुंच गए।
उनके मना करने पर मेरे पति को जबरन अपहरण कर अपने साथ डोम्हरा बेलगांव रोड में ले गए। मामले में धारा 34, 364-ए, 365 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामले में आरोपी व अपहृत का मोबाइल लोकेशन ट्रैस कर बुढ़ार, पोड़ी, ब्यौहारी, शहडोल सहित अन्य जगह नाकेबंदी कराई गई।
पुलिस टीम शाम 4.30 बजे से रात 10.30 बजे तक लगातार आरोपी का पीछाकर 125 किलोमीटर बुढार के आगे पहाड़ी एरिया में सुनसान जगह पहुंची थी। जहां लोकेशन के आधार पर खेत के अंदर अपहृत को रखने की जानकारी मिली थी।
मामले में चारों ओर से घेरकर सिंचित गेहूं के खेत से होकर पुलिस घेर रही थी। उसी समय पुलिस टीम खेत में फंसी और गैंग के सभी आरोपी भाग निकले थे। साथ ही अपहृत को सुरक्षित बरामद कर लिया गया था।
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न्यायिक रिमांड पर भेजा गया जेल जनकपुर पुलिस ने घटना के करीब 9 महीने बाद मुख्य आरोपी लल्लू उफ विजेंद्र उपाध्याय निवासी ग्राम विक्रमपुर बुढ़ार जिला शहडोल मध्यप्रदेश निवासी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से घटना में प्रयुक्त कट्टा कारतूस भी जब्त किया गया है। कार्रवाई में थाना प्रभारी अमित कश्यप, राममिलन मिश्रा सहित अन्य शामिल थे। आरोपी को बुढ़ार से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।