गौरतलब है कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। पहली बार टाइगर रिजर्व का पूरा क्षेत्रफल आया। टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर जंगल है।
जंगल में गौर भी जल्द नजर आएंगे
जानकारी के अनुसार पहले चरण में 30 नग चीतल लाए गए हैं। फिलहाल गुुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में फरवरी महीने में चीतल विचरण करते नजर आते हैं। दूसरी चरण में जल्द 150 नग चीतल लाने की तैयारी है। वहीं वन्यजीव प्राणी गौर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। बलौदाबाजार बारनवापारा से ४६ नग गौर लाने अप्रुअल मिल चुका है। उद्यान प्रबंधन जर्जर बाड़े को संवारने में जुटा हुआ है।
एडवेंचर को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी
राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को लुभाने के लिए जंगल ट्रैकिंग कार्यक्रम कराई जाएगी। जिसमें देश-विदेश से करीब 100 ट्रैकर की अलग-अलग टीम फरवरी-मार्च महीने में ट्रैकिंग का लुफ्त उठाएंगी। ट्रैकिंग टीम व टूरिस्ट को गाइड करने स्थानीय युवकों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोडऩे की पहल की जाएगी। वर्ष 2019 में पहली बार गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में चार दिवसीय ट्रैकिंग कैंप लगाया गया था।
2005 में सर्वे, कुछ वन्य प्राणी
बाघ 4
तेंदुआ 45
गौर 14
चीतल 110
कुटरी 250
नीलगाय 510
बंदर लालमुंह 4775
पिग 1260
डियर 80
बिल्ली 200
लोमड़ी 220
पैंगोलीन 15
भेडिय़ा 90
नेवला 125
उदबिलाव 15
पाम सिवेट 10
गिलहरी 100
बुश रेट 250
सांभर 45
चौसिंघा 90
बंदर काला मुंह 2625
चिकारा 420
भालू 740
सियार 450
लकडबग्घा 210
खरगोश 615
शाही 210
सेंसरयुक्त हाइटेक बैरियर से गाडिय़ों की निगरानी
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा के लिए सेंसरयुक्त हाइटेक बैरियर व सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्य द्वार से उद्यान में प्रवेश करने से पहले कम्प्यूटर में गाड़ी की एंट्री व डिटेल फीड होने के बाद बाहर निकलने पर हाइटेक बैरियर ऑटोमैटिक खुल जाएगा। वहीं दो कैमरे से गाड़ी की नंबर प्लेट, गाड़ी की फोटो खींचेगीं और दो कैमरे से गाड़ी की आगे-पीछे की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।
अविभाजित मध्यप्रदेश में संजय राष्ट्रीय उद्यान का था हिस्सा
गुरु घासीदास नेशनल पार्क कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर पांच किलोमीटर दूर स्थित है। 2001 से पहले यह संजय गांधी नेशनल पार्क सीधी(मध्यप्रदेश) का हिस्सा था। पार्क के अंदर हसदेव नदी बहती है और गोपद नदी का उद्गम है। वनौषधियों से घिरे पार्क में बाघ, तेंदुआ, गौर, चिंकारा, मैना आदि पाए जाते हैं।
एडवेंचर समेत पर्यटन व रोजगार की बढ़ेंगीं संभावनाएं
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में करीब 30 की संख्या में चीतल लाए गए हैं। 150 की संख्या में और चीतल व ४६ नग गौर लाने, ट्रैकिंग कराने की तैयारी है। ट्रैकर व पर्यटकों को गाइड करने स्थानीय युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। टाइगर रिजर्व बनने के बाद एडवेंचर सहित पर्यटन, रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी।
आर. रामाकृष्णा वाई, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया