पहली पत्नी की प्रताडऩा से तंग पुलिस जवान ने की आत्महत्या, दूसरी पत्नी बोली- मना किया था कि अभी मत जाइए
Constable commits suicide: शादी के बाद बच्चे नहीं होने व विवाद के कारण 20 साल पहले पहली पत्नी ने आरक्षक को छोड़ दिया था, दूसरी लडक़ी से प्रेम विवाह (Love marriage) करने के बाद दखल देने लौटी, हमेशा करती रहती थी प्रताडि़त, दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन (Durg-Ambikapur Train) से कटकर दे दी जान
बरबसपुर. करीब 20 साल पहले छोडक़र जा चुकी पहली पत्नी के जिंदगी में दोबारा दखल देने और उसकी प्रताडऩा से तंग आकर पुलिस जवान ने मंगलवार को दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन (Durg-Ambikapur train) से कटकर अपनी जान दे दी। इस मामले में मृत आरक्षक की दूसरे पत्नी ने कहा कि पहली पत्नी ने उन्हें परेशान कर रख दिया था। वे बोलते थे कि ये एक दिन मेरी जान लेकर रहेगी, किसी दिन रेलवे पटरी पर कटकर आत्महत्या (Suicide) कर लूंगा। पुलिस मामले की विवेचना में जुट गई है।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम महाराजपुर निवासी पुलिस आरक्षक राम सिंह आयम (41) ने मंगलवार की सुबह 6.18 बजे ग्राम लोहारी रेलवे ट्रैक पर लेटकर खुदकुशी कर ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रेन आते समय अपनी गर्दन को रेलवे ट्रैक में रख दिया। देखते ही देखते दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से कटकर सिर और धड़ दो हिस्से में कट गया।
सूचना पर स्थानीय पुलिस, आरपीएफ , एमसीबी एसपी पीआर कोशिमा भी घटनास्थल पर पहुंचे। पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस जांच कर रही है। मृतक का मोबाइल, स्कूटी से एक डायरी और पर्स बरामद किया गया है। आरक्षक चिरमिरी थाना में पदस्थ था और लगभग 16-17 साल से नौकरी कर रहा था।
ग्रामीणों के अनुसार राम सिंह आयम का विवाह लगभग 22 वर्ष पहले नगर की युवती से हुआ था। पति-पत्नी के दांपत्य जीवन में बच्चे नहीं होने की वजह से एक-दूसरे से अलग हो गए थे। फिर करीब चार-पांच साल बाद लालपुर चौघड़ा निवासी मानमती से प्रेम विवाह और कोर्ट मैरिज हुआ था।
दूसरी पत्नी मानमती से बच्चा नहीं हुआ है तो अपने भाई लक्ष्मण सिंह की बेटी को गोद लेकर अपने पास रख पढ़ा लिखा रहा था। लगभग 7-8 साल पहले पोड़ी थाना में पदस्थ था। इस दौरान से ही वह पोड़ी में 96 नंबर कॉलोनी में निवासरत था।
पत्नी बोली, वे कहते थे- किसी दिन रेलवे ट्रैक में लेटकर आत्महत्या कर लूंगा मृतक की पत्नी मानमती सिंह ने बताया कि मेरे पति राम सिंह आयम की पूर्व पत्नी बार-बार फोन कर धमकाती और परेशान करती थी। वह पैसों की भी डिमांड करती थी। इससे वे बहुत परेशान रहते थे और मुझसे कहते थे कि यह औरत एक दिन मेरी जान लेकर रहेगी। देखना किसी दिन मैं रेलवे ट्रैक में लेटकर आत्महत्या कर लूंगा।
पड़ोसियों ने बताया कि उसकी पहली पत्नी आरक्षक के गृह ग्राम महाराजपुर में 2 बार आ चुकी थी और कहती थी कि मैं अब यहीं रहूंगी, लेकिन गांव वाले समझा-बुझाकर उसके घर भेज देते थे।
आरक्षक सुबह स्कूटी से पहुंचा था लोहारी रेलवे ट्रैक पर मृतक घटना तिथि की रात करीब 9.30 बजे भोजन करने के बाद स्कूटी सीजी 16 सीएन 2430 में सवार होकर घर से निकला था। उसने अपनी पत्नी से कहा कि मैं थाना पूरी जा रहा हूं। पत्नी मना करते हुए बोली, अभी मत जाइए, आपकी ड्यूटी तो रात को 12 बजे से गश्त में लगी है। लेकिन आरक्षक नहीं माना और चला गया।
मृतक की पत्नी ने रात 1 बजे फोन लगाया तो आरक्षक बोला, अभी मैं बिजी हूं, बाद में बात करना। उसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। फिर कुछ पता नहीं चला, सुबह अपनी स्कूटी से ग्राम लोहारी रेलवे ट्रैक पर पहुंचा। अभी स्कूटी से कुछ दूर जाकर लोहारी के ग्रामीणों के पास तंबाकू मांग कर खाया था। फिर कुछ लोग टहलने के लिए सडक़ तरफ निकले थे।
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