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कोरबा

निर्देश: बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट की होगी छुट्टी

Korba News: बिना लाइसेंस के निजी अस्पतालों व सावर्जनिक उपक्रमों के अस्पतालों में प्रैक्टिस करने वाले फिजियोथैरेपिस्ट की सेवाओं पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश सीएमएचओ ने जारी किए हैं।

कोरबाOct 17, 2023 / 04:54 pm

Khyati Parihar

Physiotherapists practicing without license will be fired Korba News

निर्देश: बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट की होगी छुट्टी

कोरबा। Chhattisgarh News: बिना लाइसेंस के निजी अस्पतालों व सावर्जनिक उपक्रमों के अस्पतालों में प्रैक्टिस करने वाले फिजियोथैरेपिस्ट की सेवाओं पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश सीएमएचओ ने जारी किए हैं। दरअसल बिना काउंसिल में रजिस्टर्ड और नर्सिंग एक्ट के अनुमति प्रैक्टिस करने पर प्रतिबंध है।
कई ऐसे तथाकथित फिजियोथैरेपिस्ट भी शहर में सक्रिय हैं जिनके पास डिग्री ही नहीं है। ऐसे लोग भी इलाज कर रहे हैं और लगातर केस बिगाड़ रहे हैं। महीनों फिजियो करने के बाद भी मरीजों को लाभ नहीं मिलता। छत्तीसगढ़ फिजियोथैरेपी काउंसिल में बगैर पंजीयन के शहर में 75 फीसदी फिजियोथैरेपी सेंटर संचालित हो रहे हैं। जबकि नियम ये है कि बिना पंजीयन प्रैक्टिस करते पकड़े गए तो कार्रवाई होगी। फिजियोथैरेपी डॉक्टरों की लंबे समय से मांग के बाद प्रदेश में फिजियोथैरेपी काउंसिल की स्थापना की गई थी। दरअसल एमबीबीएस, डेंटल, बीएमएस डॉक्टरों के लिए काउंसिल पहले से थी। काउंसिल में पंजीयन के दौरान डॉक्टरों के शैक्षणिक डिग्रियों की जांच होती है।
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जांच में स्पष्ट होता है कि उनकी डिग्री वैध या अवैध है। इसी मंशा से प्रदेश में फिजियोथैरेपी काउंसिल की स्थापना 2016 में की गई थी। कोरबा शहर में 50 से अधिक फिजियोथैरेपी सेंटर चल रहे हैं। इनमें से पांच से छह को छोड़ दें तो अधिकांश फिजियोथैरपिस्ट के पास पंजीयन नंबर नहीं है। नियमत: बिना पंजीयन के प्रैक्टिस नहीं किया जा सकता। ऐसा करते पाए जाने पर कार्रवाई का प्रावधान है। सिर्फ शहर में ही नहीं कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के विभागीय अस्पतालों में भी काउंसिल से बगैर रजिस्ट्रेशन के फिजियोथैरेपिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। जबकि नियुक्ति के दौरान पंजीयन की जानकारी देनी अनिवार्य होती है।
दूसरे चरण में होगी डिग्री की पड़ताल

स्वास्थ्य विभाग इस मामले में बेहद गंभीर है। पहले चरण में सभी निजी व उपक्रम जैसे बालको, सीएसईबी, एनटीपीसी समेत अन्य जगहों पर पदस्थ फिजियोथैरेपिस्ट के पास अगर लाइसेंस नहीं है तो उसकी सेवा न लेने कहा गया है। दूसरे चरण में फिर से भी अस्पतालों में पदस्थ फिजियोथैरिपस्ट की डिग्री, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जांच होगी। तब गड़बड़ी मिलने पर फिजियोथैरिपस्ट से लेकर सम्बंधित उपक्रमों के अस्पतालों में कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
आठ साल में पहली बार जांच, मचा हड़कंप

स्वास्थ्य विभाग ने बीते आठ साल में एक बार भी फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टरों की डिग्री और रजिस्ट्रेशन की जांच नहीं की है। यही वजह है बिना पंजीयन और बिना डिग्री वाले फिजियोथैरेपिस्ट शहर में सक्रिय हैं। कई बार केस बिगड़ने से मरीजों की शिकायत आती है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही है। अब जब स्वास्थ्य विभाग ने पत्र जारी किया है तो सेंटरों में हड़कंप मच गया है।
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पक्रमों ने भी बिना लाइसेंस देखे कर दी भर्ती

बताया जा रहा है कि कई उपक्रमों ने भी बिना लाइसेंस देख सिर्फ डिग्री देखकर भर्ती कर ली है। दसअल डिग्री असली है कि नहीं इसकी जांच नहीं होती। काउंसिल रजिस्ट्रेशन से पहले डिग्री की जांच करवाता है। अन्य प्रदेशों की डिग्री से कोरबा में धड़ल्ले से फिजियोथैरेपी क्लीनिक का संचालन हो रहा है। गाइडलाइन के उल्लंघन होने पर सीएमएचओ ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बिना काउंसिल में पंजीयन और नर्सिंग एक्ट का पालन किए संचालित हो रहे फिजियोथैरेपिस्ट की सेवाएं नहीं लेने के लिए उपक्रमों व निजी अस्पतालों को पत्र लिखा गया है। इसके बाद भी अगर ये जारी रहा तो कार्रवाई की जाएगी। – एस एन केसरी, सीएमएचओ, स्वास्थ्य विभाग

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