वैन में घटना के समय सात छात्र सवार थे। टक्कर के बाद बच्चों में अफरा-तफरी मच गई। बच्चे चीखने चिल्लाने लगे। यह देखकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। छात्रों को अस्पताल पहुंचाया गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने वैन को जब्त कर लिया है। दुर्घटना का कारण चलती वैन में मोबाइल देखना बताया जा रहा है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर वैन चालक के नाबालिग होने की पुष्टि की है और कहा है कि वैन चालक और इसके मालिक पर भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दुर्घटना रोकने न अभिभावक गंभीर न ही प्रशासन स्कूली बच्चे दुर्घटना का शिकार न हो इसके लिए कोर्ट ने समय-समय पर पुलिस और प्रशासन के लिए कई गाइड लाइन जारी की है लेकिन गाइड लाइन का कोरबा जिले में पालन नहीं हो रहा है। इससे बच्चे की जान को खतरा है। गाइड लाइन के तहत वैन को स्कूल के लिए पंजीयन नहीं कराने का प्रावधान है। इसके बाद भी सभी स्कूलों में वैन चलती है।
हालांकि अब यह वैन निजी नाम से पंजीकृत हो रही है और उसमें बच्चों को ढोया जा रहा है। इस पर न तो बच्चों के अभिभावकों को आपत्ति है और न ही प्रशासन को। इस कारण कई बार स्कूली गाड़ियां दुर्घटना का शिकार हो जाती है। स्कूल के नाम पर पंजीयन नहीं होने के कारण स्थानीय प्रशासन संबंधित वाहन चालकों पर कोई बड़ा कार्रवाई नहीं कर पाता है।