घटना की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि 28 सितंबर को संतोषी विश्वकर्मा (28) अपने गांव लेपरा से सिलाई सीखने के लिए कोरबा जाने के लिए निकली थी। दिनभर परिवार ने संतोषी के घर लौटने का इंतजार किया। रातभर बेटी घर नहीं लौटी तो परिवार की चिंता बढ़ गई। खोजबीन के बाद परिवार की ओर से संतोषी की गुमशुदगी की रिपोर्ट बांगो थाना में दर्ज कराई गई।
पुलिस की जांच के बीच संतोषी के नंबर से उसके घर के मोबाइल पर एक कॉल आया। इसमें कॉलर ने संतोषी को अगवा करने की जानकारी दी। संतोषी को छोड़ने के लिए परिवार से 15 लाख रुपए की मांग किया। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने केस डायरी में फिरौती की धारा जोड़ दिया। लड़की के मोबाइल का कॉल विश्लेषण किया। जांच में पता चला कि लड़की सोनू लाल साहू (27) के युवक के सम्पर्क में है। जिस दिन लड़की लापता हुई, उस दिन सोनू लाल के सम्पर्क में थी। पुलिस की एक टीम सोनू के घर भेजी गई। वह नहीं मिला। पुलिस को लगा कि संतोषी और सोनू लाल घर से भाग गए होंगे। कहीं छिपकर रह रहें होंगे। पुलिस ने सोनू लाल के दोस्तों की तलाश की। उसे पकड़ लिया।
पूछताछ में दोस्त ने सोनू के बारे मे जानकारी होने से इनकार किया। जांच में कोई मदद नहीं मिली तो उसके साथी को छोड़ दिया। लेकिन पुलिस सोनू की लगातार पीछा कर रही थी। वह घर पर नहीं मिल रहा था। घटना के बाद से सोनू के अन्य साथी भी फरार हो गए थे। इससे सभी पर पुलिस का संदेह गहरा गया था। मंगलवार शाम सोनू लाल साहू और जीवा राव सहित अन्य युवक कटघोरा की एक कोर्ट पहुंचे। युवकों ने न्यायाधीश के समक्ष अर्जी लगाकर कहा कि कोरबा पुलिस उनकी तलाश कर रही है। उन्हें किस मामले में खोजा जा रहा है? इसकी जानकारी नहीं है। न्यायालय की ओर से युवकों के कोर्ट में पहुंचने की सूचना पुलिस को दी गई।
पूछताछ में हत्या का खुलासा बांगो थाना में पुलिस ने सोनू और जीवा सहित अन्य युवकों से संतोषी के बारे में पूछताछ किया। सोनू ने गला घोंटकर संतोषी की हत्या और शव को केराझरिया कोसाबाड़ी तालाब के पास दफनाना बताया। सोनू ने बताया कि संतोषी से उसका प्रेम संबंध था। दोनों एक दूसरे के करीब आ गए थे। उनके बीच रिश्ते थे। संतोषी शादी के लिए सोनू पर दबाव डाल रही थी। घटना के दिन संतोषी सोनू से मिलने पाली गई थी। वहां से दोनों केराझरिया जंगल गए। दोनों ने संबंध बनाया। लड़की ने शादी के लिए फिर सोनू पर दबाव डाला। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। सोनू संतोषी को लेकर जंगल के भीतर कोसाबाड़ी में गया। गला दबाकर संतोषी की हत्या कर दिया। इसकी जानकारी अपने दोस्त जीवा को दिया।
सोनू ने शव को ठिकाने लगाने के लिए संदीप भोई (21), विरेन्द्र भोई (19) और सुरेन्द्र भाई (21) को बुलाया। सभी ने गड्ढा खोदकर संतोषी की लाश को दफना दिया। यहां से वे घर चले गए। संतोषी के फोन को बंद कर दिया। अगले दिन जीवा ने संतोषी के फोन से उसके घर के नंबर पर कॉल लगाया। 15 लाख रुपए की फिरौती मांगा। जीवा के बाद सोनू लाल ने भी संतोषी के परिवार से फिरौती मांगा। नहीं देने पर संतोषी को जान से मारने की धमकी दिया। सभी आरोपी पाली थानांतर्गत ग्राम सलिहाभांठा पोड़ी के रहने वाले हैं। आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।