घटना रविवार की सुबह 11 बजे घटी। ग्राम कोरबी में रहने वाले एक ही परिवार के नारसिंह अपनी पत्नी राजकुमारी, बहन पुन्नी बाई, भांजा दीपक सिंह के साथ करील लेने गए हुए थे। चारों अलग-अलग जगह पर करील तोड़कर जमा कर रहे थे। इसी बीच पीछे से एक दंतेल हाथी आ धमका। दंतेल के आने से ग्रामीणों में आपाधापी मच गई।
सबको बचाने के लिए सबसे पहले नारसिंह ने कोशिश की, लेकिन हाथी ने उसपर ही हमला कर दिया। हाथी के हमले से वह घायल होकर बेहोश हो गया। इसके बाद हाथी ने दोनों महिलाओं पर हमला किया। राजकुमारी को सूंड से उठाकर पटक दिया जबकि पुन्नी बाई (Elephant attacked villagers) को पीछे से पटका। इस बीच दीपक सिंह किसी तरह घटनास्थल से हाथी से बचकर भाग निकला। राजकुमारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि पुन्नी बाई बेहोश थी। दीपक सिंह ने इसकी सूचना गांव में दी।
गांव वाले अधिक संख्या में पहुंचे और पुलिस-वन विभाग को सूचना दी गई। आनन-फानन में घायल नारसिंह और पुन्नी बाई को पोड़ीउपरोड़ा अस्पातल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने पुन्नी बाई को मृत घोषित कर दिया। जबकि नारसिंह की गंभीर स्थिति को देखते हुए कटघोरा अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
दंतेल अचानक आ धमका Terror of tusked elephant: जिस वक्त परिवार डंप साइड के पास करील तोड़ रहा था उसी बीच हाथियों का झुंड केंदई से चोटिया की ओर पार हो रहा था। दंतेल हाथी झुंड से अलग होकर डंप साइड के पास पहुंच गया। इसी बीच उसका सामना ग्रामीणों से हो गया। वन विभाग को भी सूचना नहीं थी कि दंतेल हाथी झुंड से अलग होकर अलग दिशा की ओर बढ़ गया है। इस वजह से डंप साइड के आसपास वन विभाग ने मुनादी नहीं कराई थी।
नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला हाथी के हमले से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 15 अप्रेल को कोरबी के जंगल में एक महिला को हाथी ने मार-मारकर उसके चिथड़े उड़ा दिए थे। दर्दनाक घटना से ग्रामीण अभी उबर नहीं पाए थे कि रविवार को फिर से कोरबी के ग्रामीणों पर हाथी ने कहर बरपाया। इसी बीच 21 अगस्त को एतमानगर रेंज में एक बुजुर्ग महिला घर पर सो रही थी। इसी बीच दंतेल हाथी आ धमाका और महिला की जान ले ली।
मौके पर पहुंचे डीएफओ, बोले ग्रामीणों की लापरवाही से गई जान घटना की सूचना पर डीएफओ और रेंजर समेत वन अमला मौके पर पहुंचा। अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। मीडिया से चर्चा करते हुए डीएफओ ने कहा कि ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से मना किया जाता है। मुनादी कराकर सूचना दी जाती है। इसके बाद भी (Terror elephant in cg) ग्रामीणों द्वार लापरवाही की जाती है। इसी लापरवाही की वजह से ग्रामीणों की जान गई।