इस साल मार्च में ही बिजली की खपत का पिछला रेकॉर्ड टूट गया है। मांग की पूर्ति बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी की सभी इकाइयां पूरी क्षमता से चलाई जा रही हैं। (Electricity demand inceased) प्रदेश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी की इकाइयां लगभग ढाई हजार मेगावॉट का सहयोग दे रही हैं। शेष मांग की आपूर्ति सेंट्रल पोल से बिजली लेकर की जा रही है।
-वितरण कंपनी की ओर से बताया गया है कि रबी की फसल बोआई का कार्य होने के बाद अब किसान इसकी सिंचाई कर रहे हैं। इसके लिए मोटर पंप से पानी निकाला जा रहा है। इससे बिजली की मांग बढ़ रही है।
-दूसरी वजह मौसम को भी माना जा रहा है। कई जिलो में पारा 32 के पार चला गया है। ऐसे में कूलर और एयरकंडिश्नर अभी से शुरू हो गए हैं। जिसके कारण बिजली मांग में एकाएक वृद्धि हुई है।
अप्रैल- मई में बिजली की डिमांड और बढ़ेगी। इसे देखते हुए बिजली वितरण कंपनी अभी से तैयारियां कर रही है। एक आकलन के मुताबिक गर्मी में इस बार बिजली की डिमांड 6200 मेगावॉट को भी पार कर जाएगी। मांग की पूर्ति को बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी ने राजस्थान और पंजाब सरकार से संपर्क किया है। दोनों राज्यों से बिजली लेकर छत्तीसगढ़ की पूर्ति की जाएगी।
प्रदेश में समय के साथ नए कल-कारखानों की स्थापना और अन्य कारणों से बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल बिजली की अधिकतम डिमांड 5696 मेगावॉट थी जबकि वर्ष 2017-18 में बिजली की जरूरतें 4318 मेगावॉट से पूरी हो गई थी।
गर्मी में बिजली की मांग 6200 मेगावॉट के पार पहुंचने की उम्मीद है। इसे देखते हुए बिजली वितरण कंपनी तैयारी कर रही है। जरूरत पड़ी तो पंजाब और राजस्थान से बिजली ली जाएगी। अभी बिजली की खपत में वृद्धि का मुख्य कारण रबी फसल के लिए पंप और एसी का इस्तेमाल है।
-मनोज खरे, प्रबंधक निदेशक, छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी