मुड़ापार अमरैयापारा में रहने वाले विनय सिन्हा उम्र 41 वर्ष पेशे से एजेंट का कार्य करता था। वह परिवहन विभाग के साथ-साथ बीमा कंपनियों के लिए भी शुल्क लेकर सलाह देता था। बताया जाता है कि विनय के घर काम करने के लिए एक नौकरानी आया करती थी। उससे विनय के करीबी संबंध हो गए थे। विनय के घर नौकरानी ने एक अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक कार्य किया था। इस अवधि में विनय का परिवार बाहर था। नौकरानी विनय के घर खाना बनाने जाती थी। विनय ने नौकरानी के बनाए हुए खाने की तारीफ की और उससे मीठी-मीठी बातें करके अपने मायाजाल में फंसा लिया।
नौकरानी ने आरोप लगाया था कि विनय ने उसके समक्ष शादी का प्रस्ताव दिया था जिसे नौकरानी ने स्वीकार कर लिया था। बाद में विनय ने एक अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच 6-7 बार उससे संबंध बनाया। नौकरानी ने आरोप लगाया कि विनय ने यह कहते हुए उसे काम पर आने से मना कर दिया कि दशहरा में उसके बच्चे आ रहे हैं। आरोपी ने नौकरानी को दशहरा के बाद दीपावली में फिर से काम पर बुलाने का आश्वासन दिया लेकिन 21 दिन तक किए गए काम का पैसा नहीं दिया।
आरोपी युवक ने नौकरानी का फोन उठाना भी बंद कर दिया। परेशान होकर नौकरानी ने घटना की शिकायत मानिकपुर चौकी में दर्ज कराई। अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। केस दर्ज कर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया। मेडिकल जांच में
दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था।
10 साल की मिली सजा
मामले की सुनवाई कोरबा के कोर्ट में चल रही थी। अपर सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार चतुर्वेदी की अदालत ने विनय को सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया। दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर विनय को 10 साल सश्रम कारावास की सजा दी गई। उस पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सिंह सोनी ने की।