scriptCG river: 70 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी केलो नदी में आ रहा नाले का पानी | CG News: Even after spending 70 crores, dirty water is flowing into the Kelo river, people are complaining of Hori allergy | Patrika News
कोरबा

CG river: 70 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी केलो नदी में आ रहा नाले का पानी

CG river: रायगढ़ जिले के केलो नदी से स्वच्छ पानी मिले इसको लेकर नगर निगम ने 70 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की है। आज भी शहर के आधे से अधिक हिस्से के लोगों को नाली व नाले से मिश्रित केलो के प्रदूषित पानी में ही निस्तारी करना पड़ रहा है।

कोरबाSep 01, 2024 / 03:07 pm

Shradha Jaiswal

kello river
CG river: 70 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी केलो नदी में आ रहा नाले का पानी70 करोड़ खर्च करने के बाद भी केलो नदी में जा रहा गंदा पानी लोगो को होरी एलर्जी की शिकायतछत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में शहरवासियों को केलो नदी से स्वच्छ पानी मिले इसको लेकर नगर निगम ने 70 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की है, लेकिन इस ट्रीटमेंट प्लांट का कोई औचित्य नहीं निकल रहा है। आज भी शहर के आधे से अधिक हिस्से के लोगों को नाली व नाले से मिश्रित केलो के प्रदूषित पानी में ही निस्तारी करना पड़ रहा है।
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CG river: ठेका कंपनी इंन्वायरों इंफ्रा को शहर के 15 किलोमीटर क्षेत्र में केलो नदी में मिलने वाली नाली व नाले के पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के लिए पाइप लाइन बिछाना था, लेकिन आज भी शहर के अंदर देखा जाए तो राजापारा के समीप नाले का पानी आकर सीधे केलो में मिलता हुआ नजर आ रहा है। वहीं शनि मंदिर के समीप स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पूर्व व प्लांट के बाद मंदिर के ठीक पहले शहर के अंदर नालियों में बहने वाला गंदा पानी सीधे केलो नदी में आकर मिल रहा है। इतना ही नहीं सीवरेज प्लांट की पाइप लाइन भी यहां पर टूटी हुई है।
CG river: इसके कारण अन्य जगहों से पाइप में आ रहा पानी भी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने बिना ही केलो नदी में मिल रहा है। वहीं दूसी ओर देखा जाए तो चक्रपथ के समीप भी नालियों का गंदा पानी सीधे केलो में मिल रहा है। ऐसी स्थिति में राजापारा के नीचे के रहवासियों को केलो नदी के प्रदूषित पानी में ही निस्तारी करने की मजबूरी बनी हुई है।

CG river: एलर्जी की शिकायत

केलो के नीचले क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों से चर्चा की गई तो उन्होने के बताया कि बारिश शुरू होने के बाद केलो के पानी का उपयोग निस्तारी करने से एलर्जी की समस्या हो रही है। जिसके कारण अब लोग केलो के जल का उपयोग निस्तारी के लिए करने से बच रहे हैं।
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कहां क्या है स्थापित

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अत्तरमुड़ा में जहां 25 एमएलडी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) स्थापित है तो वहीं बांझीनपाली में 7 एमएलडी व शनि मंदिर के समीप ट्रीटमेंट सिस्टम स्थापित किया गया है, लेकिन इसका कोई औचित्य नहीं निकल जा रहा है।

संक्रमण को दे रहा न्यौता

लगातार बारिश होने से जब केलो का जल स्तर बढ़ा हुआ था तो यह नहीं दिख रहा था, लेकिन जल स्तर कम होते ही स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। अब चूंकि जलस्तर कम है तो नाले व नाली का पानी केलो के जल को प्रदूषित करते हुए तटवर्ती क्षेत्रों में बह रहा है। जिसके कारण इस पानी में निस्तारी करने वाले वाले लोगों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है। बारिश के दिनों में जलस्तर काफी अधिक होता है। ऐसी स्थिति में नाले व नालियों को बाइपास कर डॉयरेक्ट किया जाता है। 48 घंटे तक बारिश न होने की स्थिति में इसे फिर से ट्रीटमेंट प्लांट से कनेक्ट किया जाता है।

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