मानसून की दस्तक के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शहर का अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री दर्ज किया गया है। अधिकम और न्यनूतम तापमान में गिरावट के साथ ही मौसम सुहाना हो गया है। लोगों को उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।
Monsoon Rain Alert: छत्तीसगढ़ के इन जिलों में बिगड़ने वाला है मौसम, अगले 48 घंटे तक होगी झमाझम बारिश…वज्रपात की संभावना
काफी इंतजार के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून शुक्रवार को कोरबा पहुंचा। शाम को रिमझिम बारिश हुई और देर रात तक बादलों के बरसने का सिलसिला जारी रहा। पानी गिरने से लोगों को जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। वहीं खेती-बाड़ी की उमीद भी जगी है। मानसून की दस्तक और बादलों के बरसने से धरती में नमी आ गई है। उमीद है कि इसके साथ ही खेती-किसानी के कार्यों में भी तेजी जाएगी।
किसान काफी दिन से इस बारिश का इंतजार कर रहे थे। तेज गर्मी से खेतों में दरार पड़ गई है और हल से जोताई नहीं हो पा रही थी। अब बारिश से जब धरती में नमी आ गई है तब उमीद है कि इससे जोताई के कार्य में तेजी आएगी। इधर बारिश के साथ ही धान और बीज के उठाव में उमीद बनी हुई है। प्रदेश सरकार पिछले साल की तरह सहकारी सोसाइटियों से उनकी जरूरत के अनुसार खाद और बजी उपलब्ध करा रही है। किसानों के धान के बीज का बाजार भी तैयार है।
इसमें निजी बीज कंपनियां रिझाने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें अपने धान की प्रजाति बताकर इसे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। किसानों को मोटा धान की बजाए पतला धान की खेती के लिए प्रेरित कर रही हैं। मौसम विभाग ने आने वाले तीन से चार दिनों तक इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान लगाया है।
CG Monsoon 2024: गरज-चमक के साथ हुई बारिश से बिजली बंद
मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हुई। इसका असर बिजली की आपूर्ति पर पड़ा। गरज-चमक के कारण वितरण कंपनी ने शहर में होने वाली बिजली की आपूर्ति थोड़ी देर के लिए बंद कर दी। इससे पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। बिजली बंद होने शहर के विभिन्न वार्डों में अंधेरा छा गया।
Monsoon 2024: मौसम विभाग का ताजा Update! 26 जून से होगी भयंकर बारिश, अंधड़ के साथ व्रजपात की संभावना
ग्रामीण क्षेत्रों में गरज-चमक के कारण बिजली आपूर्ति को बंद करना पड़ा। हालांकि गरज-चमक बंद होने के बाद वितरण कंपनी ने धीरे-धीरे बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर तेज हवा के साथ बारिश भी हुई। इससे बिजली के तारों पर असर पड़ा। विकासखंड पोड़ी के कुछ गांव में देर रात तक बिजली बहाल नहीं हो सकी थी। सुधार कार्य का सिलसिला जारी था।
मानसून की दस्तक के साथ ही बिजली की खपत में भी कमी आई है। आने वाले दिनाें में इसमें और गिरावट की संभावना जताई जा रही है। जैसे-जैसे मानसून की सक्रियता बढ़ेगी। वैसे-वैसे मौसम ठंडा होगा और इससे घरो में होने वाली बिजली की खपत कम होगी।
मानसून पहुंचा, कोरबा में ये है स्थिति
![Monsoon 2024 Reaches Korba](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/06/korba_b8e1f9.jpg?w=640)
कोरबा, छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और कृषि जिला है, जो हर साल मानसून का बेसब्री से इंतजार करता है। वर्ष 2024 में मानसून के आगमन की घोषणा ने कोरबा के निवासियों और प्रशासन के बीच नई उम्मीदें और चुनौतियां पैदा की हैं। आइए जानें कि कोरबा में मानसून 2024 की तैयारी और मौजूदा स्थिति क्या है।
मानसून की तैयारी
कोरबा जिला प्रशासन ने मानसून 2024 के लिए व्यापक तैयारी की है। प्रशासन ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
जल संरक्षण योजनाएं
प्रशासन ने जल संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। इन परियोजनाओं में तालाबों और जलाशयों की सफाई, वर्षा जल संचयन और चेक डैम का निर्माण शामिल है। इन उपायों से न केवल जल स्तर में सुधार होगा बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी मिलेगा।
नदी तटबंध और बाढ़ नियंत्रण
कोरबा जिले में महानदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे तटबंधों की मरम्मत और मजबूती का कार्य किया गया है। बाढ़ की संभावनाओं को कम करने के लिए नदी तटबंधों को मजबूत किया गया है और बाढ़ नियंत्रण की नई योजनाओं को लागू किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाएं
मानसून के दौरान जल जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाए हैं। टीकाकरण, स्वच्छता और स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
कृषि और फसल योजना
किसानों को मानसून के आगमन के बारे में सूचित करने और उन्हें उपयुक्त फसल योजना बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए कृषि विभाग ने विभिन्न कार्यशालाएं आयोजित की हैं। किसानों को उन्नत बीज, खाद और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
मौजूदा स्थिति
मानसून 2024 के आगमन के साथ ही कोरबा में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं:
जल स्तर में वृद्धि
मानसून की बारिश ने जलाशयों और तालाबों के जल स्तर में वृद्धि की है। इससे पीने के पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ है और भूजल स्तर में भी सुधार देखने को मिला है।
कृषि क्षेत्र में सुधार
मानसून की अच्छी बारिश ने किसानों को राहत दी है। धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आई है। अच्छी बारिश से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि की संभावना है, जिससे किसानों की आय में सुधार होगा।
पर्यावरण में सुधार:
मानसून ने न केवल जल स्रोतों को पुनः भर दिया है बल्कि पर्यावरण को भी पुनर्जीवित किया है। हरियाली में वृद्धि हुई है और वन्यजीवों के आवास में सुधार हुआ है।
बाढ़ नियंत्रण में सफलता
तटबंधों और बाढ़ नियंत्रण उपायों के कारण इस वर्ष बाढ़ की घटनाओं में कमी आई है। प्रशासन की तैयारी ने बाढ़ के खतरे को काफी हद तक कम किया है।
चुनौतियां और आगे की राह
हालांकि कोरबा ने मानसून 2024 के लिए अच्छी तैयारी की है, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी बरकरार हैं।
रास्तों की स्थिति
भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति खराब हो गई है, जिससे परिवहन में कठिनाई हो रही है। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत और सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
जलजनित बीमारियों का खतरा
मानसून के दौरान जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन को स्वास्थ्य सेवाओं और स्वच्छता कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।
समुदाय की भागीदारी
जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों में समुदाय की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जागरूकता कार्यक्रमों और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से ही स्थायी समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता
कोरबा में मानसून 2024 का आगमन एक नई उम्मीद लेकर आया है। जिला प्रशासन की तैयारियों और स्थानीय लोगों की सहयोग से मानसून की चुनौतियों का सामना करने में काफी हद तक सफलता मिली है। हालांकि, सतत विकास और जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। समुदाय की भागीदारी और सरकारी नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन से कोरबा में जल संकट को दूर किया जा सकता है और एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं।