धनतेरस पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। हस्त नक्षत्र भी रहेगा, जो कारोबारियों को अपार धनलाभ करवाने वाला योग है। हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं। इस नक्षत्र में की खरीदी अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य दशरथ नंदन ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर साढे़ 12 बजे कलश स्थापना के साथ धनवंतरी माता की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त है। इस दिन बर्तन, सोना, चांदी, वाहन प्रापर्टी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा सहित कोई भी वस्तु खरीदी करना शुभ और समृद्धि आती है। पूजा के बाद गिलोय का एक चम्मच रस पीने से स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। इससे आयु वृद्धि होती है।
11 नवंबर नरक चतुर्दशी व हनुमान जयंती 12 नवंबर दीपावली पर्व 13 नवंबर सोमवती अमावस्या 14 नवंबर गोवर्धन पूजा व अन्नकूट 15 नवंबर भाई दूज व चित्रगुप्त पूजन यह भी पढ़ें :
Accident: चालक को आई झपकी, तेज रफ्तार कार पुल से नीचे गिरी ये है शुभ मुहूर्त धनतेरस का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को दोपहर साढे़ बजे से शुरू होगी। शनिवार को दिन में 1.57 तक प्रभावी रहेगा। पर्व को लेकर कारोबारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगे फूल, मालाओं के साथ झालर लाइटों से साज-सज्जा किया जा रहा है। यह ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र सहित अन्य बाजार गुलजार होने लगा है।
सैंकड़ों वर्षों बाद इस बार अमावस्या दो दिन पड़ रही है। इस संयोग से दीपावली का उत्साह और उमंग इस बार छह दिनों का रहेगा। इसे लेकर लोगाें में खासा उत्साह है। 10 नवंबर को धनवंतरी माता की पूजन के साथ दीपावली की शुरूआत होगी। अमावस्या तिथि दो दिन यानी रविवार और सोमवार दोनाें दिन है। रविवार को रात्रिकालीन अमावस्या तिथि पर दीपावली की पूजा-अर्चना की जाएगी। गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को की जाएगी। 15 नवंबर को भाई दूज के साथ दीपावली पर्व का समापन होगा।