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कोरबा

CG Cyber Crime: साइबर ठगी में छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर, दो साल में कोरबा में ढाई करोड़ रुपए की हुई धोखाधड़ी

CG Cyber Crime: कोरबा जिला भी ठगों से अछूता नहीं है। दो साल में साइबर ठगी से संबंधित ढेरों शिकायतें पुलिस तक पहुंची है।

कोरबाNov 07, 2023 / 10:10 am

योगेश मिश्रा

CG Cyber Crime: साइबर ठगी में छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर, दो साल में कोरबा में ढाई करोड़ रुपए की हुई धोखाधड़ी

CG Cyber Crime: साइबर ठगी में छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर, दो साल में कोरबा में ढाई करोड़ रुपए की हुई धोखाधड़ी

कोरबा। CG News: कोरबा जिला भी ठगों से अछूता नहीं है। दो साल में साइबर ठगी से संबंधित ढेरों शिकायतें पुलिस तक पहुंची है। इसमें 28 मामलों में केस दर्ज कर लिया है। एक साल में ठगी के शिकार लोगों को लगभग एक करोड़ रुपए लौटवाने में कामयाबी मिली है। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर नकेल कसना कोरबा पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरुक होना बेहद जरुरी है। उन तकनीक की जानकारी बेहद आवश्यक है जिसकी मदद से लोगों से छल करते हैं। यह भी जानने की जरुरत है कि ठगी होने पर कब और कैसे सम्पर्क किया जाए? हाल ही में कोरबा साइबर सेल तक ऐसे शिकायतें पहुंची है, जिसका संबंध यौन उत्पीडऩ से है। इसकी जांच पुलिस कर रही है।
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बदला तरीका: पहले बैंक में अपने खाते में जमा कराते थे अब यूपीआई से ले रहे राशि
समय के साथ ठगी का तरीका भी बदल रहा है। पहले ठगों का गिरोह बैंक अधिकारी बनकर मोबाइल फोन के जरिए लोगों से सम्पर्क करता था। अब ठगी यह तकनीक पुराना पड़ गया है। ठगों ने नौकरी या अन्य कार्यों के लिए प्रलोभन भरा संदेश मोबाइल फोन पर लिंक भेजते हैं। लालच में फंसकर कोई व्यक्ति लिंक को क्लीक करता है। यह लिंक एक कम्प्यूरकृत प्रोग्राम से जुड़ा होता है। जैसे ही व्यक्ति एक दो रुपए लिंक जरिए पेमेंट करता है। उसके खाते से उतनी राशि निकल जाती है जिसका कम्प्यूटरकृत प्रोग्र्राम में ठग डाले रहते हैं। आजकल सबसे अधिक ठगी इसी तकनीक के जरिए हो रही है।
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155260 पर तत्काल कॉल करें
साइबर ठगी का पता चलते ही लोगों को 155260 पर कॉल करके सूचना देनी चाहिए। ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीयस्तर पर इस टॉल फ्री नंबर को जारी किया गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल भी शुरू किया गया है। इसपर भी लॉगिन करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
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केस – 1: KYC के बहाने एक लाख 19 हजार की ठगी
एसईसीएल की गेवरा प्रोजेक्ट में काम करने वाले अमरलाल बंजारे को ठगों ने एक लाख 19 हजार रुपए ठगा। ठगों ने बीएसएनएल का कर्मचारी बताकर बंजारे से मोबाइल पर सम्पर्क किया। मोबाइल नंबर की केवाईसी कराने कहा। बंजारे ने वैसा ही किया जैसा कि ठगों ने कहा और उसके खाते से राशि पार हो गई।
केस – 2: ऑनलाइन लोन की चाहत में 88 हजार गंवाए
दीपका क्षेत्र में रहने वाला एक युवक मोबाइल फोन से ऑनलाइन आवेदन कर एक कंपनी से लोन लेने की चाहत की 88 हजार रुपए गंवा दिया। ठगों ने उसके मोबाइल पर एनीडेस्ट एप इंस्टॉल कराया और मोबाइल को अपने नियंत्रण में लेकर उसके खाते में जमा राशि निकाल लिया। पीडि़त युवक ने थाना में केस दर्ज कराया है।

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