वर्ष 2001 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर पहल की थी। लेकिन 2003 के विधानसभा में
कांग्रेस की हार के बाद अजीत जोगी को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बने थे। 2003 में भी प्रदेश सरकार ने एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर योजनाएं बनाई थी लेकिन यह योजना धरातल पर पूरी नहीं हो सकी। तब से लेकर अब तक कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर समय-समय पर चर्चाएं होती रही लेकिन पार्क की स्थापना को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस साल प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर घोषणा की है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है। शासन-प्रशासन अभी तक पार्क की स्थापना कहां होगी इसके लिए जमीन चिन्हित नहीं कर सका है।
रूकबहरी में की गई थी जमीन की तलाश
कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर प्रशासन ने सरकार के निर्देश पर कई बार जमीन की तलाश की लेकिन अभी तक किसी भूखंड को चिन्हित नहीं किया गया। तत्कालीन कलेक्टर रीना बाबा कंगाले के कार्यकाल में रूकबहरी में जमीन की तलाश की गई थी। बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान
प्रदेश की भाजपा सरकार ने एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना को लेकर रूचि दिखाई है। बजट में सरकार ने कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क स्थापित करने की घोषणा की। इसके लिए बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। निर्णय पर सरकार आगे बढ़ती है तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
140 हेक्टेयर जमीन की जरूरत
‘मेगा एल्यूमिनियम पार्क’ की स्थापना की कवायद 23 साल पहले शुरू हुई थी जो अब भी जारी है। डॉ. रमन सिंह की सरकार में कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क को विकसित करने की जिमेदारी छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) को दी गई थी। एल्यूमिनियम से संबंधित लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना का कॉन्सेप्ट तैयार किया गया था। बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। रमन सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस पर चर्चा हुई, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका। बालको और राज्य शासन के बीच एक समझौता भी हुआ था कि लघु उद्योगों को कंपनी, कच्चे एल्यूमिनियम की खरीदी पर डिस्काउंट देगी वहीं राज्य शासन द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी। लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में कभी भी गंभीरता से पहल नहीं की गई। इसका प्रभाव यह हुआ कि पार्क जमीन पर मूर्त रूप नहीं ले सका।
बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र का हो रहा विस्तार
कई बार सरकार के साथ हुई बैठकों में बालको प्रबंधन सब्सिडी पर एल्यूमिनियम पार्क में स्थापित होने वाले उद्योगों को एल्यूमिनियम देने के लिए सहमति जता चुका है। अब जब बालको कंपनी अपने नए स्मेल्टर का विस्तार कर रही है तो उमीद है कि कंपनी के इस संयंत्र का लाभ कोरबा के लोगों को भी मिलेगा। सरकार एल्यूमिनियम पार्क की दिशा में आगे बढ़ती है तो इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे।