घटना शुक्रवार की दोपहर लगभग तीन बजे की बताई जा रही है। ग्रामीणाें ने बताया कि एसईसीएल दीपका खदान क्षेत्र से लगा ग्राम सुआभोड़ी स्थित है। इसी क्षेत्र के करीब बम्हनीकोला है। यहां के रहने वाले पांच युवक शुक्रवार दोपहर में दीपका खदान के भीतर कोयला खोदने गए थे। पांचों युवक खदान के भीतर बंद फेस पर कोयला खोद रहे थे। इस बीच उपर से मलबा भरभरा कर गिरा। तीन युवक मलबा के नीचे दब गए। जबकि हवा के दबाव से दो युवक बाहर फेका गए। उन्हें भी चोटें आई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है।
घायलों में अमित सरूता भी शामिल है। उसने बताया कि प्रदीप कुमार(18), लक्ष्मण ओढे़ (17) और शत्रुहन कश्यप (27) वर्ष शुक्रवार दोपहर तीन बजे खदान की बंद फेस के नीचे से कोयला खोद रहे थे। युवक बोरियों में कोयला भरकर बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। इस बीच उपर से मलबा गिरा। तीनों युवक मलबे के नीचे दब गए। घटना के समय अमित बीड़ी पी रहा था। हवा के दबाव से हवा थोड़ा दूर फेका गया। घटना के समय लक्ष्मण मरकाम नाम का भी एक युवक था, जो बोरियों को लेकर कोयला भरने अंदर घुस रहा था। वह भी हवा के दबाव से दूर फेका गया। उसकी भी जान बाल-बाल बची। अमित ने घटना की जानकारी (Korba Accident News) फोन कर परिवार को दिया। गांव में युवकों के मलबा के नीचे दबने की खबर तेजी से फैली। गांव के लोग बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस भी मौके पर पहुंची। स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर मलबा को हटाने का कार्य शुरू किया गया। लेकिन ग्रामीणों के पास मलबा हटाने के लिए साधन नहीं थे।
पुलिस ने मलबा में दबे युवकों की जानकारी प्रशासन के अन्य अधिकारियों को दिया। सूचना एसईसीएल दीपका प्रबंधन को भी मिली। प्रबंधन की ओर से देर शाम राहत और बचाव कार्य से जुडे़ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। प्रबंधन ने मलबा में दबे युवकों को बाहर निकालने के लिए दीपका और कुसमुंडा से एक-एक टीम भेजी है।
बताया जाता है कि जिस स्थान पर घटना हुई है, वहां लाइट नहीं है। एसईसीएल प्रबंधन ने खदान क्षेत्र में स्थित एक ट्रांसफार्मर से बिजली के तार को जोड़कर घटनास्थल पर लाइट की व्यवस्था कर रही है। ताकि रात में राहत और बचाव कार्य को किया जा सके। कार्य में मदद के लिए जेसीबी मशीने भी लगाई गई है।
खदान में बंद फेस पर अवैध तरीके से ग्रामीण कोयला खनन कर रहे थे। मलबे में तीन लोगों के दबने की सूचना मिली है। कुसमुंडा और दीपका से रेस्क्यू टीम भेजी (Breaking News) गई है। उन्हें बाहर निकालने की कोशिश जारी है। – डॉ. सनीश चंद, जनसंपर्क अधिकारी, एसईसीएल बिलासपुर