इस माह विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिंदू धर्म के इस पवित्र महीने में मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान चलेंगे। इस माह विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है। महानगर में रविवार को ंगंगा के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया तथा घाट पर दीपक जलाकर पूजा अर्चना की। छोटेलाल घाट पर पंडित नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि गंगा में स्नान के लिए सुबह ३ बजे से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। यह सिलसिला कार्तिक मास की पूर्णिमा की शाम को नदी में दीप दान तक जारी रहता हैं। कौशिक प्रसाद वर्मा ने बताया कि कार्तिक महीने में गंगा स्नान के लिए वे अक्सर आते हैं।
—- इसलिए कार्तिक पड़ा नाम इसी मास शिव पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इसका नाम कार्तिक पड़ा, जो विजय देने वाला है। शास्त्री ने बताया कि पंचांग अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा के दूसरे दिन कार्तिक मास की शुरुआत होती है। पौराणिक मान्यता अनुसार कार्तिक मास में सुबह गंगा स्नान के बाद विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है तथा शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक मास में विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दौरान देवता गंगा में स्नान करने के लिए धरती पर आते हैं। यही कारण है कि कार्तिक मास को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है।