उसने बताया कि वह पहले गया के अस्पताल में इलाज कराने गई थी। ठीक नहीं होने पर उसे पटना ले जाया गया। वहां के चिकित्सक भी उसे ठीक नहीं कर पाए। अब वह कोलकाता में इलाज करा रही है।
– कान और नाक के जख्म से पीडि़त महिला के चेहरे पर दिखी राहत
– बिहार से आई है इलाज कराने
कोलकाता•Jun 19, 2019 / 03:12 pm•
Vanita Jharkhandi
डॉक्टरों की हड़ताल से थी मायूस, लेकिन अब जगा ठीक होने का भरोसा
कोलकाता . डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होते ही कान और नाक के जख्म से पीडि़त एक महिला के चेहरे पर थोड़ी राहत दिखाई दी। उसे अब यह विश्वास होने लगा है कि उसका जल्द से जल्द ऑपरेशन होगा और वह ठीक हो जाएगी। बिहार की यह महिला पिछले जनवरी महीने से यहां कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रही है। बिहार के अस्पतालों में ठीक से इलाज नहीं होने के कारण उसको यहां एक-दो महीने के अंतराल पर आना पड़ता है। वह यहां की व्यवस्था और इलाज से काफी संतुष्ट है। उसका कहना है कि यहां काफी अच्छा इलाज तो होता ही है, साथ ही पैसे भी नहीं लग रहे हैं। इस महिला का नाम किरण देवी है। किरण देवी का कहना है कि डॉक्टरों की हड़ताल से वह काफी मायूस हो गई थी। उसे डर लगने लगा था कि अब पता नहीं उसका क्या होगा? क्योंकि बिहार में तो ठीक से इलाज नहीं हो पाया। यहां भी नहीं हुआ, तो वह कहां जाएगी। लेकिन हड़ताल खत्म होते ही उसको काफी राहत मिली।
किरण बताती है कि उसके देवर ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया था। जिससे उसके कान और नाक में गंभीर चोट आई है। चोट इतनी गंभीर है कि उसके कान और नाक से बराबर रक्तश्राव होते रहता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। तभी उसका जख्म ठीक होगा। किरण मंगलवार को मेडिकल कालेज अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास खड़ा हो अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी।
उसने बताया कि वह पहले गया के अस्पताल में इलाज कराने गई थी। ठीक नहीं होने पर उसे पटना ले जाया गया। वहां के चिकित्सक भी उसे ठीक नहीं कर पाए। अब वह कोलकाता में इलाज करा रही है।
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