Kolkata -Gondalpada Jute Mill: 14 महीने से बंद मिल के श्रमिकों का टूटा सब्र का बांध
14 महीने सेे बंद पड़ी चंदननगर स्थित गोंदलपाड़ा जूट मिल को अबिलंब खोलने की मांग को लेकर श्रमिकों का गुस्सा 13 फरवरी को फुट पड़ा। श्रमिकों ने मिल में स्वीकृत 9 यूनियन के बैनर तले जीटी रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में श्रमिक परिवार की महिलाएं भी शामिल रही।
Kolkata -Gondalpada Jute Mill: 14 महीने से बंद मिल के श्रमिकों का टूटा सब्र का बांध
-परिवार समेत उतरे सडक़ पर, किया प्रदर्शन -पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप Kolkata . 14 महीने सेे बंद पड़ी चंदननगर स्थित गोंदलपाड़ा जूट मिल को अबिलंब खोलने की मांग को लेकर श्रमिकों का गुस्सा 13 फरवरी को फुट पड़ा। श्रमिकों ने मिल में स्वीकृत 9 यूनियन के बैनर तले जीटी रोड पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में श्रमिक परिवार की महिलाएं भी शामिल रही। राज्य सरकार और मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कहा कि मुख्यमंत्री अपने भाषणों में नए उद्योग और प्रकल्पों की घोषणा करती है, लेकिन उन्हें 14 महीने से बंद पड़ी गोंदलपाड़ा मिल -Gondalpada Jute Mill: Mill closed for 14 months, broken patience of workers-खुलवाने की पहल करने की चिंता नहीं है। क्या मुख्यमंत्री को श्रमिकों की दयनीय हालत के विषय में कोई जानकारी नहीं है।
कई श्रमिकों ने कर ली है खुदकुशी भुखमरी और बेरोजगारी की मार झेलते झेलते कई श्रमिकों ने खुदकुशी कर ली। प्रदर्शन हटाने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर पंहुचा। लेकिन मजदूरों ने प्रदर्शन हटाने से साफ इनकार कर दिया। उनकी एक ही मांग थी कि उन्हें आश्वस्त करे की मिल कब खुलेगी। मिल श्रमिकों ने आरोप लगाया कि 10 घंटा से ज्यादा लाइन क्वार्टर में बिजली नहीं दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर घर शुद्ध पेयजल मिलेगा। लेकिन उन्हें दिन भर में सिर्फ 8 घंटे जलापूर्ति की जाती है। जिसके कारण श्रमिक परिवार बदहाली का जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं।
प्रभावित हुई यातायात सेवाएं श्रमिकों के प्रदर्शन की वजह से यातायात सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है। बाद में पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और यूनियन नेताओं से बातचीत कर उन्हें आश्वसन दिलाया कि मिल खोलने को लेकर सम्बंधित अधिकारीयों से बातचीत की जाएगी। कोई न कोई हल निकाला जाएगा। तब जाकर प्रदर्शन खत्म हुआ और यातायात सेवाएं सामान्य हुई।
मिल श्रमिकों ने आरोप लगाया कि 10 घंटा से ज्यादा लाइन क्वार्टर में बिजली नहीं दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर घर शुद्ध पेयजल मिलेगा। लेकिन उन्हें दिन भर में सिर्फ 8 घंटे जलापूर्ति की जाती है। जिसके कारण श्रमिक परिवार बदहाली का जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं।
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