Dr. Anshul Avijit-कोलकाता मेरे लिए तीर्थ स्थल है : डॉ. अंशुल
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अंशुल अविजित ने कोलकाता के आरपुली लेन स्थित बीपीडीसीएल के कार्यलय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वे पहली बार यहां आए हैं। यह स्थल उनके लिए तीर्थ स्थल के बराबर है। क्योंकि उनके नाना जगजीवन राम यहीं कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास एक कमरे में रहकर पढ़ते थे।
Dr. Anshul Avijit-कोलकाता मेरे लिए तीर्थ स्थल है : डॉ. अंशुल
-अब तो बार-बार आऊंगा कोलकाता कोलकाता . लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अंशुल अविजित ने कोलकाता के आरपुली लेन स्थित बीपीडीसीएल के कार्यलय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वे पहली बार यहां आए हैं। यह स्थल उनके लिए तीर्थ स्थल के बराबर है। क्योंकि उनके नाना जगजीवन राम यहीं कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास एक कमरे में रहकर पढ़ते थे। इस स्थल से ही उन्होंने समाज के दबे-कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। उनकी लड़ाई को हमें आगे बढ़ाएंगे। इससे पहले वे उस कमरे को भी देखने गए जहां जगजीवन राम रहकर पढ़ाई करते थे। उन्होंने कहा कि अब तो वे बार-बार कोलकाता आएंगे। बाबूजी के अधूरे कार्य को आगे बढ़ाएंगे। उनसे मिलने के लिए भारी संख्या में शोषित व दलित वर्ग के लोग आए थे। मिलने वालों में कई तो ऐसे थे जो बाबू जगजीवन राम के साथ मिलकर आंदोलन कर चुके हैं। इस मौके पर बीपीडीसीएल के महासचिव हरिशंकर राम, प्रोफेसर एलएन सत्तपति, देवनंदन प्रसाद, जवाहर चौधरी, दिलीप खामारू और संजय कुमार समेत कई लोग मौजूद थे।
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष व अपनी मां मीरा कुमार के साथ वे कोलकाता में आयोजित एक समारोह में आए थे। राजारहाट न्यूटाउन स्थित सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ क्रमश: राज्यपाल द्वारा किया गया। सीवी आनंद बोस और उनकी पत्नी ने भी इसमें हिस्सा लिया। पूर्व स्पीकर मीरा कुमार, सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, आयोजकों में से एक, वैज्ञानिक विकास सिंह, संगीतकार पंडित अजय चक्रवर्ती, पूर्व न्यायाधीश और राज्यपाल श्यामल सेन, चित्रकार शुभप्रसन्ना और अन्य मौजूद थे। लेकिन मुख्य आकर्षण शर्मिला टैगोर और सौरव गांगुली थे।
मीरा कुमार ने कहा कि वे बंगाल की ही गोद में पली व बड़ी हुई हैं। एक तरह से वे बंगाल की बेटी हैं। उनके दिवंगत पिता पूर्व उपप्रधान मंत्री जगजीवन राम बांग्ला धाराप्रवाह पढ़ और बोल लेते थे। उनके जन्मदिन पर जगजीवन राम ने उन्हें बांग्ला साहित्य की कई किताबे भेंट की थी। मीरा ने कहा कि वे रवींद्रनाथ, बंकिमचंद्र, शरत चट्टोपाध्यय को अच्छी तरह से पढ़ा है। वे रवींद्रनाथ ठाकुर के बनाए गए संगठन के सौ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में बतौर अतिथि बोल रही थी।
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