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कोलकाताः अस्पताल के भ्रष्टाचार मामले में बड़ा नेटवर्क, पूर्व प्रिंसिपल से खुलेगा राजः सीबीआइ

कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार मामले में बड़ा नेटवर्क है। इसका पर्दाफाश करना जरूरी है। यह दलील देते हुए सीबीआइ ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य व्यक्तियों के लिए अदालत से 10 दिन की हिरासत मांगी। अदालत ने चारों आरोपियों को आठ दिनों के लिए सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया। इन पर राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। सीबीआइ ने अलीपुर न्यायालय को बताया कि हमने अभी चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में बड़ा नेटवर्क है। इसका उजागर करना जरूरी है।

कोलकाताSep 04, 2024 / 11:59 am

Rabindra Rai

कोलकाताः अस्पताल के भ्रष्टाचार मामले में बड़ा नेटवर्क, पूर्व प्रिंसिपल से खुलेगा राजः सीबीआइ

कोलकाताः अस्पताल के भ्रष्टाचार मामले में बड़ा नेटवर्क, पूर्व प्रिंसिपल से खुलेगा राजः सीबीआइ

जांच एजेंसी ने संदीप घोष की मांगी 10 दिन की हिरासत,मिली 8 दिन की

कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार मामले में बड़ा नेटवर्क है। इसका पर्दाफाश करना जरूरी है। यह दलील देते हुए सीबीआइ ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य व्यक्तियों के लिए अदालत से 10 दिन की हिरासत मांगी। अदालत ने चारों आरोपियों को आठ दिनों के लिए सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया। इन पर राज्य द्वारा संचालित अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। सीबीआइ ने अलीपुर न्यायालय को बताया कि हमने अभी चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में बड़ा नेटवर्क है। इसका उजागर करना जरूरी है। और भी गिरफ्तारियां संभव है। चारों- संदीप घोष, बिप्लव सिन्हा, सुमन हजारा, अफसर अली से पूछताछ के बाद अहम सुराग हासिल हो सकते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
सोमवार को केंद्रीय एजेंसी ने संदीप घोष, उनके सुरक्षा गार्ड और दो विक्रेताओं को गिरफ्तार किया था, जो अस्पताल को सामग्री आपूर्ति करते थे। इस अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। सीबीआई ने घोष को एक एफआईआर में नामित किया है और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप लगाए हैं।

रेप व मर्डर केस में भी संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध

आरजी कर हॉस्पिटल में गत 9 अगस्त को जूनियर महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई। इस मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच कर रही है। रेप व मर्डर केस में भी संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सीबीआई उनसे कई बार पूछताछ भी कर चुकी है और उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया जा चुका है। आखिरकार सीबीआइ ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया। वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में संदीप घोष को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी उनसे 16 अगस्त से लगातार 15 दिन से पूछताछ कर रही थी। घोष को सोमवार को सीबीआइ कार्यालय सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया। शाम को सीबीआइ अधिकारी उनको निजाम पैलेस ले गए। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि जांच एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने संदीप घोष को रात 8.35 बजे गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी तथा अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार दोनों मामलों की जांच कर रही है। सीबीआइ की इस कार्रवाई पर जूनियर डॉक्टरों और भाजपा ने खुशी जताते हुए कहा कि जो काम पुलिस नहीं कर सकी, वो काम केंद्रीय जांच एजेंसी ने किया। मामले में अब न्याय का रास्ता साफ होगा। आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने संदीप पर मेडिकल ऑर्गेनिक कचरा भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन, भाई-भतीजावाद, कानून तोडक़र ठेकेदारों की नियुक्ति के अलावा कई वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में मामला दायर किया है।

नवीनीकरण का काम जल्दबाजी से उठे सवाल

अस्पताल से शव बरामद किये जाने के बाद सेमिनार हॉल के बगल के एक कमरे की दीवार को मरम्मत के नाम पर तोड़ दिया गया। इसे सबूत मिटाने का प्रयास माना गया। कथित तौर पर यह माना जा रहा है कि इस मामले में भी संदीप के निर्देश हो सकते हैं। कई लोगों को संदेह हुआ कि नवीनीकरण का काम जल्दबाजी में क्यों शुरू किया गया। उस बारे में भी सीबीआइ ने संदीप से पूछताछ की। इसी संदर्भ में आरजी कर अस्पताल में तीन साल से अधिक समय से वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने 16 अगस्त को एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया था। मुर्दाघर से शव गायब होने से लेकर अस्पताल के जैविक कचरे में भ्रष्टाचार के आरोप लगे। अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने इस संबंध में पुलिस का ध्यान आकृष्ट कराया था। शिकायत में संदीप घोष के अलावा, आरजी कर के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख देबाशीष सोम, अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ और अस्पताल में चिकित्सा आपूर्ति के आपूर्तिकर्ता बिप्लब सिंह के नाम शामिल हैं।

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