नासिक से आने वाले प्याज की लागत अधिक
द ग्रेटर कोलकाता फ्रूट पोटेटो ओनियन वेजिटेबल एंड लेमन मर्चेंट्स एसोशिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ दे ने बताया कि अभी दक्षिण से आने वाला माल खराब आ रहा है जबकि नासिक से आने वाले प्याज की लागत अधिक आने से कीमत ज्यादा हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय तक प्याज की स्थिति ऐसी रहने की संभावना है।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आपूर्ति बाधित
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी काजल चटर्जी ने बताया कि मेदिनीपुर के बड़े आलू की मध्य प्रदेश में आपूर्ति सामान्य हैं वहीं बिहार में भी छोटे आलू जा रहे है लेकिन, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आपूर्ति बाधित होने के कारण यह स्थिति हो गई। उन्होंने बताया कि पहले असम, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा आदि सात राज्यों में यहां से आपूर्ति होती थी लेकिन, अब वहां अच्छा उत्पादन होने से यहां का बाजार कमजोर हो गया। उन्होंने बताया कि अभी आलू की कीमत में 200 रुपये प्रति क्विंटल का फर्क आया है।
40 प्रतिशत आलू का उपयोग राज्य में
चटर्जी ने बताया कि इस साल लोगों ने ऊंची कीमत पर आलू लिया था। यदि लागत नहीं निकलेगी तो किसान तथा कारोबारी को नुकसान होगा और वे अगले साल इसका कारोबार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत आलू का उपयोग राज्य में ही होता है बाकी 60 प्रतिशत आलू देश के अन्य राज्यों में जाता है। यहां के राजस्व में आलू मुख्य है यदि बाहर नही भेजेंगे तो सिस्टम टूट जाएगा। चटर्जी के मुताबिक खेती के लिए मात्र 10 – 15 प्रतिशत आलू की खपत होती है बाकी 90 प्रतिशत बीज पंजाब से आता है। इसके अलावा अभी तक लगभग 54 प्रतिशत निकासी हुई है इसलिए आलू का स्टॉक पर्याप्त है।