भौतिक साधनों में नहीं सुख
आर्यिका विज्ञाश्री ने दिए प्रवचन
भौतिक साधनों में नहीं सुख
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. आर्यिका विज्ञाश्री ने जैन भवन में मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि भौतिक साधनों में सुख नहीं दुख है। जो भौतिक साधन वर्तमान में सुख का अहसास कराते हैं वही भविष्य में दुख का कारण बनते है। इंसान भौतिक साधनों में मस्त होता जा रहा है। उन्हीं को सब कुछ मानता है। फैशन और व्यसन का दौर बढ़ता जा रहा है। जबकि फैशन फसाने वाला होता है। आज तो हर जगह फैशन के साधन ब्यूटी पार्लर खुल रहे हैं। जिसमें पैसे व शरीर की बर्बादी होती है एवं हिंसा का पाप लगता है। ब्यूटी पार्लर नहीं ड्यूटी पार्लर खुलना चाहिए। आज इंसान चेहरे को तो सजा कर रखता है। जिस पर जनता की नजर होती है और चित् को सजाता नहीं है जिस पर परमात्मा की नजर होती है। चेहरे को सजाआगे तो जनता प्रसन्न होगी लेकिन चित् को सजाओगे तो परमात्मा प्रश्न होगा। सुंदर रूप की प्राप्ति पैसे नहीं भक्ति से होती है। सांसारिक सुख पाप के मूल है। इनकी इच्छा नहीं रखनी चाहिए। आज के व्यक्ति आलस के कारण इंद्रिय सुखों में रहकर बीमार हो रहे हैं जबकि शरीर स्वस्थ भौतिक साधनों से नहीं आत्म साधना से व मेहनत से होता है। शरीर के द्वारा जितनी अधिक मेहनत होगी उतनी अधिक निरोगी काया बनेगी। फैशन व्यसन में जीव हिंसा नहीं करनी चाहिए। हिंसा नहीं अहिंसा के बल पर जीवन व्यतीत करना चाहिए। तभी मानव जीवन सार्थक होगा। मंगल चतुर्मास के दौरान जैन भवन में आर्यिका विज्ञाश्री ससंघ के सानिध्य एवम मुनिसुव्रतनाथ पंचायत के तत्वावधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। प्रात: 5 बजे से मंगल पाठ गुरु भक्ति एवं आलाप पद्धति कक्षा 6 बजे सहस्त्रनाम विधान पूजन में श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा के बाद अघ्र्य चढ़ाए गए। 7 बजे पंच स्त्रोत पूजन शुद्धि आदि की कक्षाएं 8 बजे श्रावकाचार एवं प्रवचन 11 बजे शंका समाधान दोपहर 12 बजे सामायिक स्वतंत्र अध्ययन मोन 3 बजे तत्वार्थ सूत्र कक्षाए 4 बजे जैन सिद्धांत प्रवेशिका परीक्षामुख कक्षा साय 5 बजे से स्वाध्याय 5.30 बजे तत्व चर्चा 6 बजे देवासीक प्रतिक्रमण 6 .45 बजे आनंद यात्रा महाआरती का आयोजन किया जाता है।
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