जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित कारम डेम में लीकेज होने से हड़कंप मच गया है, ये डेम धार जिले के धामनोद से करीब है, वैसे प्रशासन की टीम मुस्तैद हो गई है और डेम पर मिट्टी डालकर इस बड़े हादसे को रोकने का प्रयास लगातार जारी है, लेकिन पानी का बहाव रोकना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता है, इसलिए कब डैम फूट जाए और तबाही मच जाए, ये कहना भी आसान नहीं है। ऐसे में सभी को अलर्ट रहते हुए डूब क्षेत्र को छोडऩे में ही भलाई है।
ऐसे प्रभावित होंगे दोनों जिले
वैसे तो डेम धार जिले में पड़ता है, लेकिन इसका प्रभाव धार और खरगोन दोनों जिलों में पड़ेगा, अगर डेम फूटता है, तो खरगोन के 6 और धार जिले के करीब 5 गांव के साथ ही गुजरी नामक नगर भी प्रभावित होगा, ये कस्बा भी खाली करवाया जा रहा है, यहां की आबादी करीब 10 हजार से अधिक है, वैसे इन गांवों को प्रशासन द्वारा खाली करवाया जा रहा है, ऐसे में लोग अपने जरूरी सामान लेकर भाग रहे हैं, फिर भी घर का पूरा सामान तो लोग लेजा नहीं सकते हैं, इस कारण जिसके हाथ जो लग रहा है, वही लेकर गांव और नगर छोड़कर जा रहे हैं।
बंद हो जाएगा उत्तर और दक्षिण भारत का मार्ग
अगर धार जिले में स्थित कारम डैम फूट जाता है, तो निश्चित ही प्रदेश का सम्पर्क उत्तर और दक्षिण भारत से टूट जाएगा, क्योंकि आगरा मुंबई नेशनल हाइवे पूरी तरह बंद हो जाएगा, ऐसे में आवाजाही करने वाले वाहनों को भी रोकने से निश्चित ही दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाएगी, शुक्रवार सुबह भी इंदौर जाने वाले वाहनों को रूट डायवर्ट कर भेजा गया, जिससे वाहन चालकों को ३० किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ा, इससे यात्री बसों और स्कूल बसों की आवाजाही में काफी दिक्कतें हुई। बच्चों और यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
फिलहाल मिट्टी डालकर रोक रहे पानी, अफसर भी लौटने लगे
पता चला है कि डैम के जिस हिस्से से रिसाव हो रहा था, उसकी मरम्मत की जा रही है, वहां मिट्टी डालकर बांध को फूटने से बचाने की कोशिश हो रही है, वहीं गांव खाली कराने का क्रम भी कमजोर हो गया है, कुछ अफसर भी वापस लौट गए हैं।
बारिश तेज होने पर टूट सकता है बांध
लोगों ने बताया कि पिछले दो दिन से बारिश थमने के कारण ये बांध बच गया, अन्यथा टूट जाता, चूंकि मिट्टी धसक गई है और बांध लीकेज हो गया है, ऐसे में अब अगर भारी बारिश होती है, तो निश्चित ही बांध टूटेगा।
304 करोड़ से निर्मित हो रहा था बांध
जानकारों ने बताया कि इस बांध का निर्माण कार्य साल 2018 से प्रारंभ हुआ था, ये बांध करीब 304 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा था, इसका निर्माण भी पूरा नहीं हुआ था और बारिश आने से बांध में भरपूर पानी की आवक हो गई, ऐसे में बांध लीकेज होने लगा और अब फूटने की कगार पर खड़ा है, ग्रामीणों ने बताया कि बांध का निर्माण घटिया हो रहा था और उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ, इस कारण ये बांध लीकेज होना तय था, ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा आज लोग भुगत रहे हैं।