देश-विदेश तक फैली है ख्याती कलाप्रेमियों का कहना है कि एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरों को विकास का अमलीजामा पहना रहे तो दूसरी और शिवराज सरकार ने महेश्वर की गरिमा बनाने वाले निमाड़ उत्सव का स्थान बदलकर नेमावर में करने जा रही है। सरकार को अपने इस फैसले पर विचार करना चाहिए। क्योंकि निमाड़ उत्सव का उद्देश्य निमाड़ी परंपरा को देश.विदेश तक पहुंचाने के साथ कलाकारों के सम्मान का मंच रहा है। इसी मंच से निमाड़ी कवि काव्य पाठ करते नजर आए हैं। स्थानीय खेल तैराकी , नौका दौड़, रंगोली मेहंदी प्रतियोगिताएं युवाओं के लिए उत्साहवर्धक का काम करती रही है। निमाड़ उत्सव के चलते ही माहेश्वरी साड़ी उद्योग को नई पहचान मिली है। महेश्वरी साड़ी उद्योग 200 करोड़ रुपए के सालाना व्यापार के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम स्थान रखना है।
1994 में हुई थी निमाड़ उत्सव की शुरुआत
1994 में हुई थी निमाड़ उत्सव की शुरुआत
महेश्वर में निमाड़ उत्सव की शुरुआत 1994 में हुई थी। जिसे शुरू करने में क्षेत्रीय विधायक और उस समय की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने प्रयास किए थे। बाद भाजपा नेताओं और संस्कृति विभाग के अधिकारियों के बीच विवाद के चलते दो साल कार्यक्रम नहीं हुआ। फिर कमलनाथ सरकार आई तो निमाड़ उत्सव के साथ मंडलेश्वर में नर्मदा उत्सव का भव्य आयोजन हुआ।
कर्ज से चल रही शिवराज की दुकान
कर्ज से चल रही शिवराज की दुकान
प्रदेश की शिवराज सरकार कर्ज लेकर अपनी दुकान चला रही है। इसलिए सभी ऐतिहासिक आयोजनों को बंद किया जा रहा है। निमाड़ उत्सव महेश्वर के साथ संपूर्ण जिले की ख्याती जुड़ी है। न जाने क्यों सरकार बंद करने पर तूली है।
विजयलक्ष्मी साधौ, विधायक महेश्वर