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खरगोन

सरकारी भेदभाव- निमाड़ उत्सव आयोजन का स्थल महेश्वर से बदलकर नेमावर किया

1994 से महेश्वर में आरंभ हुआ था निमाड़ उत्सव, 28 साल बाद बदलने से जनता और कलाप्रेमियों में आक्रोश, विधायक ने विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ सरकार पर कंसा तंज, कर्ज से चल रही शिवराज मामा की दुकानें, धीरे-धीरे संस्कृति और इतिहास की खो रही पहचान

खरगोनOct 30, 2022 / 09:58 am

हेमंत जाट

Nimar festival Maheshwar news

पिछले साल महेश्वर में हुए निमाड़ उत्सव की एक झलक

खरगोन/महेश्वर.
धार्मिक और पर्यटन नगरी के साथ से विख्यात महेश्वर में निमाड़ उत्सव का आयोजन विगत 28 सालों से संस्कृति विभाग द्वारा कराया जा रहा है। लेकिन इस बार राज्य सरकार ने क्षेत्र के साथ भेदभाव करते हुए आयोजन का स्थान बदलकर देवास जिले के नेमावर कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से कलाप्रेमियों के साथ ही क्षेत्र की जनता में भी रौष देखा जा रहा है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव का आयोजन महेश्वर में होता आया है। किंतु इस बार स्थान बदलने की खबर से जनता में मायूसी है। विभाग द्वारा जारी वार्षिक कलेंडर में 8 से 10 नवंबर के बीच निमाड़ उत्सव का स्थान नेमावर (देवास) दर्शाया गया है। इस बात को लेकर पूर्व केबिनेट मंत्री और महेश्वर क्षेत्र की विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। साधौ ने कहा कि भाजपा का काम दलगत राजनीति करना है। पिछले विधानसभा में जिले में भाजपा की करारी हार हुई थीं। इससे से खिन्न होकर शिवराज सरकार यह भेदभाव कर रही है। पहले महेश्वर क्षेत्र मेडिकल कॉलेज और अब निमाड़ उत्सव के अन्यत्र स्थानांतरण की खबर से जनता में रौष।
देश-विदेश तक फैली है ख्याती

कलाप्रेमियों का कहना है कि एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगरों को विकास का अमलीजामा पहना रहे तो दूसरी और शिवराज सरकार ने महेश्वर की गरिमा बनाने वाले निमाड़ उत्सव का स्थान बदलकर नेमावर में करने जा रही है। सरकार को अपने इस फैसले पर विचार करना चाहिए। क्योंकि निमाड़ उत्सव का उद्देश्य निमाड़ी परंपरा को देश.विदेश तक पहुंचाने के साथ कलाकारों के सम्मान का मंच रहा है। इसी मंच से निमाड़ी कवि काव्य पाठ करते नजर आए हैं। स्थानीय खेल तैराकी , नौका दौड़, रंगोली मेहंदी प्रतियोगिताएं युवाओं के लिए उत्साहवर्धक का काम करती रही है। निमाड़ उत्सव के चलते ही माहेश्वरी साड़ी उद्योग को नई पहचान मिली है। महेश्वरी साड़ी उद्योग 200 करोड़ रुपए के सालाना व्यापार के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम स्थान रखना है।

1994 में हुई थी निमाड़ उत्सव की शुरुआत
महेश्वर में निमाड़ उत्सव की शुरुआत 1994 में हुई थी। जिसे शुरू करने में क्षेत्रीय विधायक और उस समय की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने प्रयास किए थे। बाद भाजपा नेताओं और संस्कृति विभाग के अधिकारियों के बीच विवाद के चलते दो साल कार्यक्रम नहीं हुआ। फिर कमलनाथ सरकार आई तो निमाड़ उत्सव के साथ मंडलेश्वर में नर्मदा उत्सव का भव्य आयोजन हुआ।

कर्ज से चल रही शिवराज की दुकान
प्रदेश की शिवराज सरकार कर्ज लेकर अपनी दुकान चला रही है। इसलिए सभी ऐतिहासिक आयोजनों को बंद किया जा रहा है। निमाड़ उत्सव महेश्वर के साथ संपूर्ण जिले की ख्याती जुड़ी है। न जाने क्यों सरकार बंद करने पर तूली है।
विजयलक्ष्मी साधौ, विधायक महेश्वर

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