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खरगोन

रिकॉर्ड के लिए रोप दिए लाखों पौधे, जांच शुरु होने से हरकत में विभाग

वन मंत्री उमंग सिंघार की आपत्ति के बाद फिर खुलने लगी फाइल, नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान खरगोन जिले में लगाए थे ५० लाख पौधे

खरगोनJan 14, 2019 / 10:04 pm

हेमंत जाट

khargone district how many plants for the record

२ जुलाई २०१७ को पूर्व राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार सहित तत्कालीन कलेक्टर व अफसरों ने किया था पौधरोपण।

हेमंत जाट, खरगोन.
नर्मदा सेवा यात्रा सहित हरियाली महोत्सव के अंतर्गत दो जुलाई २०१७ को प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में पौधे रोपे गए थे। यह पौधे नए साल आते-आते दमतोड़ गए। जहां पौधे थे, वहां अब ठूंठ तो क्या गड्ढों के निशान भी नहीं बचे हैं। जिससे जिम्मेदारों की लापरवाही का पता चलता है। प्रदेश में सरकार बदलते ही कांग्रेस के शीर्ष नेता और मंत्री पौधरोपण की जांच की बात कर रहे हैं। यदि इसकी जांच होती हैं, तो उसमें खरगोन जिले के कई अफसर भी निशाने पर आ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार ने गिनीज बुक वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए एक ही दिन में पौधे लगाए थे। इंदौर संभाग में खरगोन जिले के अंदर सर्वाधिक ५० लाख ३० हजार १३८ पौधे रोपने का रिकॉर्ड बनाया था। इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किए। इन पौधों की देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी। किंतु लापरवाही के चलते लाखों पौधे सूख गए। आज इनमें से कितने पौधे जीवित हैं, इसकी जानकारी अधिकारियों के पास भी नहीं है। ऐसे में जो पौधे लगाए गए हैं, उनके बारे में यही बात निकलकर सामने आ रही है कि रिकॉर्ड के लिए अधिकांश पौधे सिर्फ कागजों पर रोप दिए।
१० से १२ करोड़ रुपए हुए खर्च
जिपं से मिली जानकारी के अनुसार जनपद और ग्राम पंचायतों के माध्यम से २६ लाख ७४ हजार पौधे लगाए गए। इनमें एक पौधा १० से ५० रुपए में खरीदा गया। जिस पर ७ करोड़ ७३ लाख रुपए खर्च किए गए थे। सालभर बाद जब जीवित पौधों की रिपोर्ट तैयार की गई, तो इनकी संख्या आधे से भी कम (११ लाख ३८ हजार) हो गई। यह एक बानगी मात्र हैं। इसी तरह वन विभाग, उद्यानिकी, कृषि और अन्य विभागों द्वारा भी लाखों पौधे रोपे गए थे।
वन मंत्री की आपत्ति से मची खलबली
प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मंत्रियों द्वारा एक-एक करते हुए अपने विभागों के भ्रष्टाचार की परत खोली जा रही है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने भोपाल में वन अधिकारियों की बैठक में पौधरोपण पर आपत्ति लेते हुए घोटाले की बात कही थी। जिसके बाद से अधिकारियों में खलबली मची हुई हैं। खरगोन जिले में ग्राम पंचायतों के अंदर हुए पौधरोपण की गड़बड़ी का मुद्दा भी महेश्वर में हुई बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने उठाते हुए अपने मनसूबे जाहिर कर दिए थे कि पिछली सरकार में हुई अनियमितता अफसरों को भारी पड़ सकती है।

पांच हजार पौधे लगाए, सुरक्षा पर २० हजार खर्च
जिला मुख्यालय के समीप खंडवा रोड से लगे राजपुरा में सरकारी जमीन पर पूर्व राज्यमंत्री व पूर्व खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार, विजय शाह, नंदकुमार चौहान सहित तत्कालीन कमिश्नर व कलेक्टर सहित विद्यार्थियों ने ५ हजार पौधे रोपे थे। दो साल पहले लगाए इन पौधों में आज करीब दो हजार पौधे सूख गए। इनकी सुरक्षा के लिए ५ हजार रुपए मासिक वेतन पर चार मजदूरों को रखा गया। जिन्हे हर महीने २० हजार का भुगतान हो रहा है। कर्मचारियों ने पौधे सूखने की वजह बारिश की कमी और पानी की समस्या बताई।
ये है पौधरोपण की सच्चाई
विभाग रोपे गए पौधे
जिला पंचायत २६ लाख ३८ हजार
फारेस्ट विभाग १७ लाख ८००
उद्यानिकी ०५ लाख ८१ हजार ३३१
अन्य विभाग ०१ लाख ७४ हजार २३५

जानकारी मांगी है
दो साल पहले रिकॉर्ड बनाने के लिए लाखों पौधे रोपे गए थे। निश्चित तौर पर उसमें गड़बड़ी हुई हैं। मैंने वन विभाग के अधिकारियों से इसकी जानकारी मांगी है। जिसकी जांच और भौतिक सत्यापन मैं खुद करुंगा।
उमंग सिंघार, वन मंत्री
रिपोर्ट भेजी है…
जिपं से हर महीने पौधों की रिपोर्ट जनपदों से बुलाकर मनरेगा को भेजी जाती हैं। जिले में ५० लाख पौधे लगाए गए थे। इसमें कितने जीवित हैं, इसकी जानकारी तो ऑफिस में देखकर ही बता सकता हूं।
सतीष एस कुमार, जिपं सीईओ खरगोन

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