बताया जा रहा है कि मृतक ने कर्ज के तनाव से परेशान होकर अपनी जान दी है. मृतक के पास 18 एकड़ खेत था जिसमें कपास, मक्का और मिर्च की फसल लगाई है। मृतक ने फांसी लगाने से पहले अपने काका भगवान पाटीदार को फोन भी लगाया. जितेंद्र ने भगवान पाटीदार से कहा कि मैं मरने जा रहा हूं। परिजनों ने बताया कि जितेेंद्र पर करीब 7 से 8 लाख रुपए का कर्ज था। उन्होंने यह कर्ज बैंक, सोसायटी ओर साहूकारों से लिया था।
बिल्ली के मुंह में फंस गया लोटा ….
इस साल क्षेत्र में अल्प वर्षा के कारण फसलें फसल सूख कर खराब हो चुकी हैं। जितेंद्र शाम को खेत में गया तो फसल को खराब होती देखकर अंदर से टूट गया। इसी तनाव में उसने आत्महत्या कर ली। शनिवार को मृतक का जिला अस्पताल में पीएम हुआ। खरगोन एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए तहसीलदार के नेतृत्व में टीम भेजी गई है, जो परिजनों से चर्चा के साथ फसलों का भी अवलोकन करेगी।
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उधर खरगोन विधायक रवि जोशी ने आरोप लगाया कि जिले में सूखे के हालात हैं. बारिश नहीं हो रही है. सभी तरह की फसलें खराब हो गई हैं. इसी कारण चिंता में आकर किसान ने आत्महत्या कर ली. यह घटना बेहद दुखद है. विधायक जोशी ने शासन से जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को राहत राशि प्रदान करने की मांग की है.