ये है मामला
पूरा मामला एक सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन से जुड़ा है। साल 2019 में तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी ने गोगावां तहसील के महूमांडली और अगरबाई गांव में सरकारी भूखंड पर अवैध उत्खनन करने पर जांच कराई थी। जांच कर रिपोर्ट खनिज इंस्पेक्टर प्रियंका अजनार ने प्रस्तुत की थी। प्रकरण को कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें क्रेशर संचालक शरदचंद जायसवाल पर आरोप था कि उसने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया। जांच में पाया गया कि 49,353 घन मीटर गिट्टी-पत्थर का अवैध उत्खनन किया गया।
17 करोड़ का जुर्माना, 30 दिन की मोहलत
मध्य प्रदेश खनिज अवैध खनन परिवहन तथा भंडारण निवारण नियम 2022 के नियम 18(6) के तहत, 20 प्रति घन मीटर के हिसाब से क्रेशर संचालक शरदचंद जायसवाल पर 59,22,360 का जुर्माना लगाया गया। इसमें 15 गुना जुर्माना और पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की राशि जोड़कर कुल 17 करोड़ 76 लाख 70 हजार 800 रूपए का का जुर्माना लगाया गया है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कर्मवीर शर्मा ने जुर्माना भरने के लिए 30 दिन की मोहलत दी है और ये भी कहा है कि अगर 30 दिन में जुर्माना नहीं भरा गया तो फिर 35 करोड़ रूपए जुर्माना वसूला जाएगा।